मौके पर मार-मार कहकर ललकारना मर्डर के इरादे का संकेत नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
मौके पर मार-मार कहकर ललकारना मर्डर के इरादे का संकेत नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने साफ कहा कि मौके पर किसी को मार-मार कहकर ललकारना मर्डर के साझे इरादे का संकेत नहीं है. हाईकोर्ट ने इस मामले में एक ही परिवार के 3 लोगों को बरी कर दिया. जबकि एक शख्स की सजा को कायम रखा है.
नागपुर. बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने हाल ही में फैसला सुनाया कि किसी शख्स का हत्या के समय घटनास्थल पर मौजूद होना और ‘मार मार‘ बोलकर ललकारना, अपराधी के मर्डर करने के साझे इरादे को कायम नहीं करता है. इसलिए, जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस अभय मंत्री की पीठ ने एक महिला की हत्या के आरोपी परिवार के 3 सदस्यों को बरी कर दिया, जबकि परिवार के चौथे सदस्य की सजा को बरकरार रखा. न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 34 के तहत साझा इरादे के आवश्यक तत्वों को साबित करने में विफल रहा.
यह फैसला पुसद में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा 2019 में एक महिला की हत्या के लिए परिवार के 4 सदस्यों (अपीलकर्ताओं) को दोषी ठहराए जाने के बाद आया है. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, आरोपी संख्या 2 से 4 की मौके पर मौजूदगी या उसे पीटने के लिए ‘मार मार’ जैसे शब्द बोलना, उसकी हत्या करने के लिए आईपीसी की धारा 34 के तत्वों को लागू नहीं करता है.
अदालत ने आगे कहा कि सबूतों से यह पता नहीं चलता है कि मृतक की हत्या करने के लिए तीनों आरोपियों की ओर से कोई पूर्व साजिश थी या उन्हें मृतक की हत्या करने के दोषी हत्यारे के इरादे के बारे में पता था. अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को देखने से यह नहीं पता चलता है कि पहले से कोई साजिश थी. न ही रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत ये दिखाते हैं कि बाकी आरोपियों को इस तथ्य की जानकारी थी कि मुख्य आरोपी संख्या मृतक की हत्या करने का इरादा था.
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यह मामला 1 मई, 2015 को पुसद में हुई एक क्रूर हत्या से जुड़ा है. दोषी व्यक्तियों- जयानंद धाबाले, उनकी पत्नी आशाबाई और उनके दो बेटे निरंजन और किरण- ने कथित तौर पर जयानंद के दिवंगत भाई विजय की विधवा सुनंदा की हत्या कर दी. वह अपने पति की मौत के बाद अपने ससुराल वालों के साथ रह रही थी. परिवार के भीतर तनाव बढ़ रहा था, खासकर तब जब धाबाले परिवार ने सुनंदा पर काला जादू करने का आरोप लगाया. जिसके बारे में उनका कहना था कि यही उनकी बीमारियों और दुर्भाग्य का कारण है.
Tags: Bombay high court, Butal murder, Target KillingFIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 23:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed