इस विश्वविद्यालय में अब विदेशों से भी दिव्यांग बच्चे आकर कर सकेंगे पढ़ाई

कुलपति संजय सिंह ने बताया कि जो बच्चे दिव्यांग होते हैं, जो बोल नहीं सकते या सुन नहीं सकते उनके लिए एक साइन लैंग्वेज की शुरुआत की जा रही है.

इस विश्वविद्यालय में अब विदेशों से भी दिव्यांग बच्चे आकर कर सकेंगे पढ़ाई
अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय जिसमें दिव्यांग बच्चे पढ़ते हैं इसी विश्वविद्यालय में अब न सिर्फ देश बल्कि विदेशों से भी बच्चे आकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे. इस विश्वविद्यालय को अब टॉप विश्वविद्यालय बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं यहां के नए कुलपति आचार्य संजय सिंह. आचार्य संजय सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिव्यांग बच्चे पढ़ते हैं, जिसमें नेत्रहीन, ना बोल पाने वाले और जो सुन नहीं पाते हैं या जो ठीक से चल उठ नहीं पाते हैं. हर तरह के दिव्यांग वाले बच्चे यहां पढ़ते हैं. इन बच्चों को स्पेशल केयर की जरूरत होती है और उनके भविष्य को सुधारने की हमें बहुत ज्यादा जरूरत है. इसीलिए विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएशन में नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया गया है. कई नए कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं. इसके अलावा यहां पर बच्चों के लिए जल्द ही म्यूजिक की कक्षाएं भी लगेंगी, जिसमें बच्चे अपनी स्किल दिखा सकेंगे. सांकेतिक भाषा भी सिखाएंगे कुलपति संजय सिंह ने बताया कि जो बच्चे दिव्यांग होते हैं, जो बोल नहीं सकते या सुन नहीं सकते उनके लिए एक साइन लैंग्वेज की शुरुआत की जा रही है. यह शुरुआत सभी कर्मचारी और शिक्षकों के लिए की जा रही है. करीब 30 घंटे का कोर्स है जिसे सभी को करना अनिवार्य होगा. इसके जरिए बच्चों को साइन लैंग्वेज से भी पढ़ाई करना या कोई चीज समझना आसान हो जाएगा. कन्वर्ट की जायेंगी किताबें संजय सिंह ने बताया कि यहां पर ब्रेल प्रेस भी है, जिसके तहत किताबें जो रिसर्च की हैं खास तौर पर उन्हें कन्वर्ट कराया जाएगा. इसके अलावा टॉकिंग बुक्स साउंड भी शुरू किया जाएगा, जिसके जरिए बच्चे किताबों को सुनकर अपनी पढ़ाई कर सकें और आगे बढ़ सकें. नौकरी दिलाने पर भी होगा जोर उन्होंने बताया कि किसी भी यूनिवर्सिटी का प्लेसमेंट सेल मजबूत होना चाहिए क्योंकि यहीं से बच्चों का भविष्य तय होता है. ऐसे में यहां से बच्चों को पिछले तीन महीना के दौरान अच्छी नौकरियां मिली हैं. भविष्य में और अच्छा प्लेसमेंट हो उस पर भी जोर होगा. स्पोर्ट्स कोटे से भी होंगे दाखिले कुलपति संजय सिंह ने बताया कि शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के बच्चे युगांडा अंतरराष्ट्रीय पैरा चैंपियनशिप 2024 और पेरिस ओलंपिक खेल में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए अब यहां पर स्पोर्ट्स कोटे से भी दाखिले करने का प्रावधान बनाया जा रहा है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 30, 2024, 12:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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