भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने किया बिलकिस बानो का समर्थन दोषियों की रिहाई पर जताया कड़ा विरोध

बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों की रिहाई मामले में कई भाजपा नेताओं ने विरोध दर्ज कराया है. तमिलनाडु बीजेपी की नेता और पार्टी की कार्यकारी समिति की सदस्य खुशबू सुंदर ने गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए पीड़िता के लिए न्याय की गुहार लगाई है.उनसे पहले वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार और देवेंद्र फडणवीस भी इस फैसले पर ऐतराज जता चुके हैं.

भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने किया बिलकिस बानो का समर्थन दोषियों की रिहाई पर जताया कड़ा विरोध
हाइलाइट्सगुजरात सरकार की दया नीति के तहत बिल्किस बानो केस के दोषियों को रिहाई तमिलनाडु BJP की नेता खुशबू सुंदर ने बिलकिस बानो के समर्थन में किया ट्वीटशांता कुमार और देवेंद्र फडणवीस भी दोषियों की रिहाई पर जता चुके हैं ऐतराज नई दिल्लीः बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों की रिहाई मामले में कई भाजपा नेताओं ने विरोध दर्ज कराया है. तमिलनाडु बीजेपी की नेता और पार्टी की कार्यकारी समिति की सदस्य खुशबू सुंदर ने गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए पीड़िता के लिए न्याय की गुहार लगाई है. खुशबू सुंदर से पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वरिष्ठ भाजपा नेता व हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी बिलकिस बानो केस पर अपनी राय रखी थी. दोनों ने कहा था कि बलात्कार के दोषियों का इस तरह सत्कार करना ठीक नहीं है. खुशबू सुंदर ने ट्वीट किया, एक महिला, जिसका रेप होता है. उसके साथ मारपीट और क्रूरता की जाती है और उसकी आत्मा को जीवन भर के लिए जख्मी कर दिया जाता है, उसे न्याय मिलना चाहिए. कोई भी शख्स जो इसमें शामिल रहा है, उसे मुक्त नहीं किया जाना चाहिए. अगर वह ऐसा करते हैं तो यह मानवता और नारीत्व का अपमान है. बिलकिस बानो या किसी भी महिला को राजनीति और विचारधाराओं से परे समर्थन की जरूरत है. A woman who is raped, assaulted, brutalised and her soul scarred for life must get justice. No man who has been involved in it should go free. If he does so, it’s an insult to humankind and womanhood. #BilkisBano or any woman, needs support, beyond politics n ideologies. Period. — KhushbuSundar (@khushsundar) August 24, 2022 बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई से देश के लोगों का सिर शर्म से झुक गया: शांता कुमार पीटीआई से बातचीत में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा, ‘बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई से देश के लोगों का सिर शर्म से झुक गया है. उम्रकैद की सजा का सीधा सा अर्थ यही था कि सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं का अपराध सिद्ध हो गया था. उन्हें तो फांसी की सजा होनी चाहिए थी. इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि गुजरात सरकार ने उन्हें विशेष छूट देकर जेल से रिहा कर दिया है. यह देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के 75 साल के बाद भी देश में अपराधों की संख्या बढ़ रही है. इससे भी अधिक शर्म की बात यह है कि छोटी बेटियों के साथ बलात्कार के अपराधों की संख्या सबसे अधिक बढ़ी है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अपराधी प्रभावशाली लोग होते हैं. पकड़ें ही नहीं जाते. पकडे़ जाते हैं तो सबको सजा नहीं होती.’ दोषियों का सम्मान करना कतई ठीक नहींः देवेंद्र फडणवीस दो दिन पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि बलात्कार के दोषियों को इस तरह सम्मानित किया जाना कतई भी ठीक नहीं है. इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं हो सकता. देवेंद्र फडणवीस ने यह बात विधान परिषद में हुई चर्चा के दौरान कही थी. गुजरात सरकार ने 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के लोगों की हत्या के 11 दोषियों को रिहा करने का निर्णय लिया, जिसका चौतरफा विरोध हो रहा है. क्या है 2002 का बिलकिस बानो केस? वर्ष 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों में बिलकिस बानो के परिवार के 7 सदस्यों को दंगाइयों ने मौत के घाट उतार दिया था. बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार को अंजाम दिया गया, उस समय वह 5 महीने की गर्भवती थी. मुंबई की विशेष अदालत ने इस मामले में 11 अपराधियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. अपराधियों की ओर से बॉम्बे हाई कोर्ट में विशेष अदालत के फैसले के लिए खिलाफ पुनरीक्षण याचिकाएं दायर की गई थीं. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अपराधियों की याचिकाएं खारिज करते हुए उनकी सजा को बरकरार रखा था. ये सभी आरोपी गोधरा उप-जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे थे. गत 15 अगस्त को गुजरात सरकार की दया नीति के तहत इन्हें रिहा कर दिया गया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: BJP, Gujarat government, Gujarat RiotsFIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 11:02 IST