Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई पर SC ने केंद्र और गुजरात सरकार को जारी किया नोटिस

Bilkis Bano Case: गुजरात दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में एक भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई. इस दौरान गर्भवती बिलकिस बानो का गैंगरेप कर उनके परिवार के 7 लोगों को जान से मार दिया था. साल 2008 में मुंबई की एक विशेष सीबीआई कोर्ट ने बिलकिस बानो के 21 जनवरी 2008 के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के लोगों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई पर SC ने केंद्र और गुजरात सरकार को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली. बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano Case) में दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात सरकार (Gujarat Government) को नोटिस जारी किया. इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी. इस मामले में चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस अजय रस्तोगी और विक्रम नाथ की बेंच ने सुनवाई की. सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली, रूपरेखा वर्मा और पत्रकार रेवती लाल ने इस मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है. बता दें कि यह 11 दोषी बिलकिस बानो के गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या करने के मामले में 15 साल से जेल में थे, लेकिन गुजरात सरकार ने दोषियों को राज्य में लागू रिहाई की नीति के तहत 15 अगस्त को छोड़ दिया. सुप्रीम कोर्ट में आज फैसलों का दिन, बिलकिस बानो, ईडी को मिली शक्ति सहित कई अहम मामलों में सुनवाई बिलकिस बानो ने दोषियों की रिहाई के बाद क्या कहा था? गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो ने कहा, ’15 अगस्त 2022 को जो हुआ वह मुझे 20 सालों पहले हुए हादसे की याद को ताजा कर गया. मैंने जब से ये सुना है कि जिन 11 अपराधियों ने मेरे परिवार और मेरे जीवन को तबाह कर दिया था, उनकी सजा माफ कर दी गई है. मैं इससे बहुत दुखी हूं. उन्होंने मुझसे मेरी तीन साल की बेटी भी छीन ली थी, मेरा परिवार मुझसे छीन लिया था और आज वह माफ कर दिए गए. मैं हैरान हूं.” क्या है मामला? गुजरात दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में एक भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई. इस दौरान गर्भवती बिलकिस बानो का गैंगरेप कर उनके परिवार के 7 लोगों को जान से मार दिया था. साल 2008 में मुंबई की एक विशेष सीबीआई कोर्ट ने बिलकिस बानो के 21 जनवरी 2008 के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के लोगों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. पीएमएलए फैसले पर फिर से विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा. जेल में 15 साल से अधिक होने के बाद इन दोषियों में से एक राधेश्याम ने सजा माफी के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और कोर्ट ने गुजरात सरकार को इस मामले में निर्णय लेने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गुजरात सरकार ने एक कमेटी गठित की, जिसने कि सभी 11 दोषियों की सजा माफ करने का फैसला किया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 25, 2022, 11:57 IST