गुजरात जाना है तो जरूर बनाएं भुज का प्लान जानें घूमने की शानदार जगहें
गुजरात जाना है तो जरूर बनाएं भुज का प्लान जानें घूमने की शानदार जगहें
Trip to bhuj - गुजरात के भुज में घूमने के लिए कई लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉट हैं जो टूरिस्ट्स के आकर्षण का केन्द्र बन सभी का मन मोह लेते हैं. ऐतिहासिक कलाओं को देखने के लिए आपको भुज का ट्रिप प्लान करना चाहिए.
हाइलाइट्सऐतिहासिक राज्यों और साम्राज्यों का शहर है भुज. भुजिया हिल पर हाइकिंग और ट्रैकिंग कर सकते हैं.भुज ट्रिप पर जाकर वंदे मातरम् मेमोरियल देखना ना भूलें.
Tourist Destinations in Bhuj : अगर आप गुजरात घूमने जा रहे हैं तो आपको भुज घूमने का प्लान जरूर बनाना चाहिए. भुज भारत की ऐतिहासिक जगहों में से एक है. यहां के मंदिर और यहां की ऐतिहासिक इमारतें इस शहर की पहचान हैं. ऐतिहासिक कच्छ क्षेत्र का लंबा इतिहास भुज में मिलता है. इस शहर का इतिहास राज्यों और साम्राज्यों, नागा प्रमुखों, जडेजा राजपूतों, गुजरात सुल्तानों और अंग्रेजी हुकूमत तक आता है. इन सबके बाद भुज एक टेक्सटाइल टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर भी जाना जाता है. कुल मिलाकर यह शहर अपने आप में खास है और यही वजह है के यहां टूरिस्ट घूमने आना पसंद करते हैं. थोड़ा इतिहास में जाएं तो इस शहर का निर्माण साल 1510 में राव हमीरजी द्वारा किया गया था और बाद में 1549 में यह राव खेंगरजी द्वारा राजधानी राज्य बन गया. आइए भुज की कुछ शानदार जगहों के बारे में जानते हैं .
भुज में घूमने के लिए शानदार जगहें :
भुजिया हिल हाइकिंग :
भुजिया हिल ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों तरीके से भुज में बेहद अहम स्थान रखती है. ये आपके लिए लाइफ लॉन्ग एक्सपीरियंस रहने वाला है.भुजिया हिल के ऊपर बने महल से पूरा शहर साफ साफ दिखाई देता है. भुजिया हिल की चढ़ाई थोड़ी सी मुश्किल जरूर है लेकिन ये ट्रैकिंग आपके लिए एक शानदार अनुभव रह सकती है.
श्री स्वामीनारायण मंदिर :
श्री स्वामीनारायण मंदिर का निर्माण सन 1822 में करवाया गया था. लेकिन साल 2001 के भूकंप की वजह से इस मंदिर का अधिकतर हिस्सा नष्ट हो गया. उस हादसे के बाद इस मंदिर के सभी देवताओं की मूर्तियों को उठाकर नई जगह स्थानांतरित किया गया और इस मंदिर का निर्माण पुनः कराया गया. यह मंदिर पूरी तरह से सफेद रंग का है जो आपको आकर्षित कर सकता है.
वंदे मातरम् मेमोरियल
वंदे मातरम् मेमोरियल भुज शहर से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर है लेकिन, अगर आप भुज गए हैं तो आपको यहां जाना चाहिए. यह स्मारक तकरीबन 12 एकड़ में फैला हुआ है. यहां पर 1857 की क्रांति से लेकर 1947 पर के दौरान जो कुछ हुआ उसकी याद मिल जाएगी. इसका आकार भारतीय संसद भवन की तरह नजर आता है. इस परिसर के एक पार्क में भारत माता की मूर्ति भी लगाई गई है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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Tags: Lifestyle, Tour and TravelsFIRST PUBLISHED : August 21, 2022, 06:45 IST