वाह रे भक्ति! आज भी भगवान को चढ़ा रहे 500 के पुराने नोट
वाह रे भक्ति! आज भी भगवान को चढ़ा रहे 500 के पुराने नोट
मंदिर के पुजारी पंडित सुशील कुमार पाठक ने बताया कि 2018 में मंदिर की दानपेटी में ₹500 के पांच नोट व शनिवार को ₹500 का एक नोट पाया गया. इस तरह की हरकत से पता चलता है कि लोगों के पास आज भी पुराने नोट हैं, जिन्हें लोग इस तरह से उपयोग कर रहे हैं.
बरेली: भला भगवान को कोई धोखा दे सकता है. सुनने वाला तो यही कहेगा कि नहीं. लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू ये है कि नाथनगरी बरेली के श्री साईं श्याम मंदिर में भक्त भगवान को धोखा दे रहे हैं. दरअसल, यहां पर कुछ भक्तों ने मंदिर की दानपेटी में पुराने नोटों को डाल दिया. जब दानपेटी खोली गई तो हर कोई हैरान हो गया.
श्यामतगंज के श्री साईं श्याम मंदिर में भारत सरकार के द्वारा 2016 में बैन किए गए 500 रुपये के पुराने नोट दान पात्र मे पाए गए हैं. नोटबंदी के 7 साल बाद भी लोग 500 व 1000 के पुराने नोट भगवान को चढ़ा रहे हैं.
दानपात्र से निकले 500 के पुराने नोट
मंदिर के पुजारी पंडित सुशील कुमार पाठक ने बताया कि 2018 में मंदिर की दानपेटी में ₹500 के पांच नोट व शनिवार को ₹500 का एक नोट पाया गया. इस तरह की हरकत से पता चलता है कि लोगों के पास आज भी पुराने नोट हैं, जिन्हें लोग इस तरह से उपयोग कर रहे हैं. इस तरह से नोटों का उपयोग करके यह लोग पुण्य की जगह स्वयं को पाप का भागीदार बना रहे हैं. अगर आपके पास दान करने के लिए रुपये नहीं है तो दान न करें. लेकिन इस तरह से मानवता और लोगों की श्रद्धा को ठेस न पहुंचाएं.
भगवान को चढ़ा रहे चलन से बाहर हुए नोट
मंदिर के पुजारी पंडित सुशील कुमार पाठक ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि इस तरह की हरकत करने से यह लोग इंसानों को तो धोखा दे सकते हैं. लेकिन भगवान को नहीं. ऐसी हरकत करने वाले मनुष्य स्वयं को धोखा दे रहे हैं. पुजारी का कहना है कि इन नोटों को हम अपने पास संभाल कर रखेंगे और आने वाली पीढ़ी को दिखाएंगे की लोग इस तरह के नोट भी प्रचलन में चला करते थे. और सरकार के बैन करने के बाद भी लोग इसे आज भी भगवान के दान पत्र में डाल रहे हैं, जो बहुत अशोभनीय बात है.
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Tags: Bareilly latest news, Local18FIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 11:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed