कौन होता है अल्फा भेड़िया जिसे पकड़ने से रुक सकते है हमले वजह भी जानें

Who is Alpha Wolf: इज्जत नगर के वन्य प्राणी उद्यान के प्रभारी डॉ. अभिजीत पावड़े ने अनुमान लगाया कि बहराइच में किसी व्यक्ति ने भेड़िये पर जानलेवा हमला किया होगा, जिसके बाद वह घायल अवस्था में अपने झुंड में लौटा होगा. संभवतः वह अल्फा भेड़िया था, जिसके बाद भेड़ियों ने खतरा महसूस कर हमले शुरू कर दिए. उनका मानना है कि सभी भेड़ियों को पकड़ने की जरूरत नहीं है. अल्फा भेड़िये को पकड़ने से हमले रुक सकते हैं.

कौन होता है अल्फा भेड़िया जिसे पकड़ने से रुक सकते है हमले वजह भी जानें
विकल्प कुदेशिया / बरेली: इंसानों द्वारा लगातार जंगल खत्म किए जा रहे हैं, जिससे आदमखोर जानवर पलायन कर गांवों की तरफ बढ़ रहे हैं. हाल ही में बहराइच में भेड़ियों का आतंक देखने को मिला है. भेड़िये सामान्य रूप से मनुष्यों पर हमला नहीं करते. लेकिन इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय हैं. कहा जाता है कि भेड़ियों के झुंड पर अगर कोई हमला करता है, तो अल्फा भेड़िया (झुंड का मुखिया) अपने समूह के साथ बदला लेने के लिए निकल पड़ता है. जब तक अल्फा भेड़िया पकड़ में नहीं आता, हमले होते रहते हैं. ऐसी घटनाएं भविष्य में भी हो सकती हैं. बढ़ती बाघों की संख्या भी भेड़ियों को बना रही आक्रामक बाघों की बढ़ती संख्या को भी भेड़ियों के आक्रामक होने का एक कारण माना जा रहा है. उनके प्राकृतिक आवास और शिकार बाघों द्वारा छीन लिए गए हैं, जिससे भेड़ियों के पास खाने का अभाव हो गया है. खुद को बचाने के लिए भेड़िये जंगल से बाहर आकर भेड़, बकरियों और मनुष्यों का सामना कर रहे हैं. भेड़-बकरियों को अपना आहार बनाकर वे अपनी भूख मिटा रहे हैं, लेकिन जब उन्हें खतरा महसूस होता है, तो वे इंसानों पर हमला कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भेड़ियों का बढ़ता खतरा भेड़िये जब गांवों में आते हैं, तो वे आसानी से उपलब्ध भोजन की तलाश में रहते हैं. इसमें बकरी पालन या पशुपालन जैसे व्यवसाय प्रमुख होते हैं. इन क्षेत्रों में भेड़ियों के साथ अमानवीय व्यवहार के कारण वे मनुष्यों के बच्चों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसे वन्यजीव-मानव संघर्ष (ह्यूमन वाइल्डलाइफ कॉन्फ्लिक्ट) कहा जाता है. यह भी पढ़ें- बिना आधार कार्ड दिखाए यूपी के इस गांव में नहीं मिलेगी एंट्री, वरना पड़ जाएंगे लाठी-डंडे, जानिए वजह अल्फा भेड़िये को पकड़ने से रुक सकते हैं हमले इज्जत नगर के वन्य प्राणी उद्यान के प्रभारी डॉ. अभिजीत पावड़े ने अनुमान लगाया कि बहराइच में किसी व्यक्ति ने भेड़िये पर जानलेवा हमला किया होगा, जिसके बाद वह घायल अवस्था में अपने झुंड में लौटा होगा. संभवतः वह अल्फा भेड़िया था, जिसके बाद भेड़ियों ने खतरा महसूस कर हमले शुरू कर दिए. उनका मानना है कि सभी भेड़ियों को पकड़ने की जरूरत नहीं है. अल्फा भेड़िये को पकड़ने से हमले रुक सकते हैं. खाने की कमी भी हो सकती है हमलों का कारण डॉ. पावड़े ने लोकल 18 को बताया कि मानव अतिक्रमण और बाघों की बढ़ती संख्या के कारण भेड़ियों के शिकार के अवसर कम हो गए हैं, जिससे वे खाने की तलाश में गांवों की ओर आ रहे हैं. उन्होंने आगाह किया कि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार न किया जाए और रात के समय सावधानी बरतते हुए आवाज या ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जाए. यह भी पढ़ें- अब जेल में बंद कैदी से मिलना आसान, यूपी की इस जेल में शुरू हुई डिजिटल सुविधा Tags: Animal Cruelty, Bareilly latest news, Local18, Wild animalsFIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 15:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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