पुरानी दिल्ली में बकरीद पर खरीदे गए 124 बकरे मगर फिर नहीं हुई कुर्बानी
पुरानी दिल्ली में बकरीद पर खरीदे गए 124 बकरे मगर फिर नहीं हुई कुर्बानी
पुरानी दिल्ली के जैन समुदाय के लोगों ने यह फैसला किया कि वे सभी बकरों को तो बचा नहीं सकते, मगर जितना संभव हो सके उतने बकरों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए.
नई दिल्ली. बकरीद के मौके पर देश में लाखों बकरों की कुर्बानी दी गई. इस मौके पर कुछ ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने बकरों की खरीद तो की मगर उनकी कुर्बानी नहीं दी. अब इन बकरों के उम्र भर पाला जाएगा. पुरानी दिल्ली के जैन समुदाय के लोगों ने यह फैसला किया कि वे सभी बकरों को तो बचा नहीं सकते, मगर जितना संभव हो सके उतने बकरों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए. इसलिए जैन लोगों की एक टोली ने मुसलमानों की तरह कपड़े पहने और बकरा मंडियों में जाकर काफी मोलभाव करके 124 बकरों को खरीद लिया. अब इनको एक जैन मंदिर में रखा गया है.
इस पूरे काम के लिए पुरानी दिल्ली के जैन समुदाय ने करीब 15 लाख रुपये जुटाए थे. बहरहाल जैन मंदिर के परिसर में रखे गए बकरे काफी घबराए हुए थे. क्योंकि उनको लग रहा है कि उनको यहां काटने के लिए रखा गया है. उनको शायद यह पता नहीं है कि उनको नया जीवन मिल चुका है. पुरानी दिल्ली के धर्मपुर इलाके में नया जैन मंदिर बकरीद से पहले बकरी बाजारों की तरह ही गुलजार लग रहा था. चांदनी चौक में रहने वाले जैनों के लिए यह बकरा दर्शन का दिन था. बकरियों की एक झलक पाने के लिए लोग मंदिर में उमड़ पड़े. कुछ ने उनके चारे के लिए पैसे दान किए.
28 साल के चिराग जैन ने बताया कि इस काम की शुरुआत उनके गुरु संजीव के एक फोन कॉल से हुई. संजीव बकरीद पर बकरों की हत्या से परेशान थे. चिराग ने कहा कि वह इसके बारे में कुछ करना चाहते थे, और तभी यह फैसला लिया गया कि हम सभी बकरों को तो नहीं बचा सकते, लेकिन जितना हो सके उतना बचाना चाहिए. जल्द ही एक योजना बनाई गई. 15 जून की शाम को जैन समुदाय के 25 लोगों की एक टीम बनाई गई. पैसे के लिए एक व्हाट्सएप संदेश भेजा गया. इसके बाद, टीम ने उन इलाकों का दौरा किया जहां बकरे बेचे जा रहे थे.
16 जून को जैन लोगों टीम गुप्त रूप से अपने मिशन पर चली और जामा मस्जिद, मीना बाजार, मटिया महल और चितली कबर जैसे पुरानी दिल्ली के इलाकों में अलग-अलग बकरा बाजारों में जोड़े में फैल गई. सभी सदस्यों को निर्देश दिया गया कि वे कुर्ता पहनें और इस तरह से बात करें कि वे बकरे खरीदते समय किसी भी कठिनाई से बचने के लिए लोगों के बीच घुल-मिल सकें. खरीद प्रक्रिया में कई दौर की कठिन मोलभाव शामिल था. अंत में औसतन 10,000 रुपये प्रति बकरे की कीमत पर बकरे खरीदे गए.
Tags: Eid al Adha, Goat marketFIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 09:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed