जन्माष्टमी में डंठल वाले खीरे का क्या है महत्व किससे है संबंध यहां जानें सब
जन्माष्टमी में डंठल वाले खीरे का क्या है महत्व किससे है संबंध यहां जानें सब
Janmashtami 2024: धार्मिक मान्यता के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर खीरे का विशेष महत्व है. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि खीरे का संबंध माता देवकी से है. इतना ही नहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार खीरे को माता यशोदा के गर्भाशय का प्रतीक भी माना जाता है.
अयोध्या: पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी तेजी के साथ चल रही है. जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता है. मान्यता के मुताबिक, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र के मध्य रात्रि में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में धूमधाम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व में खीरे का भी विशेष महत्व होता है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे कि आखिर कृष्ण जन्माष्टमी में खीरा का क्या महत्व है, आइए जानते हैं.
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर खीरे का विशेष महत्व है. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि खीरे का संबंध माता देवकी से है. इतना ही नहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार खीरे को माता यशोदा के गर्भाशय का प्रतीक भी माना जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग अपने घर में डंठल वाला खीरा लेकर आते हैं. जन्माष्टमी की देर रात्रि लगभग 12:00 बजे खीरे का डंठल काटा जाता है, जिस प्रकार गर्भ से बाहर आने के बाद बच्चों को और नाल को अलग किया जाता है. उसी प्रकार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि को डंठल वाले खीरे से भगवान श्री कृष्ण का जन्म कराया जाता है. हालांकि, यह परंपरा सदियों से चली आ रही है जिसका पालन आज भी सनातन धर्म को मानने वाले लोग करते आ रहे हैं.
जन्माष्टमी में ऐसे होती है श्रीकृष्ण की पूजा
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्म के बाद विधि विधान पूर्वक उनकी पूजा आराधना की जाती है. उन्हें भोग लगाया जाता है और परिवार के साथ मिलकर आरती की जाती है. बाद में भोग लगा हुआ प्रसाद वितरित किया जाता है. इतना ही नहीं कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर धनिया की पंजीरी भी बनाई जाती है.
Tags: Ayodhya News, Local18, Sri Krishna JanmashtamiFIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 12:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed