धान-गेहूं छोड़ करें इस फसल की खेती5000 रुपए किलो है कीमत!

सहारनपुर के किसान आदित्य त्यागी 5 साल से काली हल्दी की खेती कर रहे हैं. किसान आदित्य त्यागी का कहना है कि पीली हल्दी के मुकाबले काली हल्दी काफी फायदेमंद होती है. काली हल्दी की मार्केट वैल्यू की बात करें 1000 रुपए किलो से लेकर 5000 रुपए किलो तक है.

धान-गेहूं छोड़ करें इस फसल की खेती5000 रुपए किलो है कीमत!
सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक किसान काली हल्दी की खेती कर रहा है. काली हल्दी अपने खास गुणों के लिए जानी जाती है. गौरतलब है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सकरकर तमाम तरह के प्रयास कर रही है. किसानों को पारंपरिक फसलों से इतर नई-नई फसलों की खेती के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी कड़ी में किसानों के बीच हल्दी की खेती का चलन भी बढ़ा है. कई राज्य सरकारें भी किसानों को परंपरागत खेती के साथ ही औषधीय फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. सहारनपुर के किसान आदित्य त्यागी 5 साल से काली हल्दी की खेती कर रहे हैं. किसान आदित्य त्यागी का कहना है कि पीली हल्दी के मुकाबले काली हल्दी काफी फायदेमंद होती है, साथ ही इस काली हल्दी का उपयोग पूजा-पाठ और बीमारी में ज्यादा किया जाता है, यह आसानी से मार्केट में उपलब्ध नहीं होती. काली हल्दी की मार्केट वैल्यू की बात करें 1000 रुपए किलो से लेकर 5000 रुपए किलो तक है, वहीं इस काली हल्दी को ऑनलाइन बेचा जाता है, तांत्रिक क्रिया में भी इस हल्दी का इस्तेमाल अधिक किया जाता है। काली हल्दी की खेती का सही समय किसान आदित्य त्यागी ने बताया कि काली हल्दी की खेती के लिए उचित समय वर्षा ऋतु माना जाता है. इसकी बुवाई का उचित समय जून-अगस्त मध्य तक होता है हालांकि सिंचाई का साधन होने पर इसे मई माह में भी बोया जा सकता है. एक हेक्टेयर में काली हल्दी के करीब 2 क्विंटल बीज लग जाते हैं. काली हल्दी को अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. गौरतलब है कि 1 एकड़ खेत में कच्ची हल्दी करीब 50-60 क्विंटल यानी सूखी हल्दी का करीब 12-15 क्विंटल तक का उत्पादन हो जाता है. काली हल्दी के फायदे किसान आदित्य त्यागी ने बताया कि काली हल्दी के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत बनता है, इसके सेवन से बैक्टीरिया, फंगस और वायरस के संक्रमण को कम किया जा सकता है, काली हल्दी जोड़ों के दर्द और सूजन में कमाल का काम करती है, इसके अलावा कई कॉस्मेटिक्स को बनाने में भी काली हल्दी इस्तेमाल होता है. Tags: Agriculture, Local18, Saharanpur news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 18:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed