बिहार में इन मुस्लिम जातियों को मिल रहा आरक्षण लंबी है लिस्ट

Bihar News : कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता. इस फैसले के बाद पूरे देश में मुस्लिम आरक्षण को लेकर नई बहस छिड़ गई है. यूपी और राजस्थान सरकार ने मुस्लिम आरक्षण की समीक्षा की बात कही है. बिहार में भी मुस्लिम समुदाय की कई जातियो-उपजातियों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है. आइये जानते हैं वो उपजातियां कौनसी हैं.

बिहार में इन मुस्लिम जातियों को मिल रहा आरक्षण लंबी है लिस्ट
पटना. यूपी में योगी सरकार ओबीसी कोटे में मुसलमानों को दिए जा रहे आरक्षण की समीक्षा करने जा रही है. इस कवायद के तहत यह पता किया जाएगा कि मुसलमानों को आखिरकार किस नियम-व्यवस्था के तहत ओबीसी कोटे में आरक्षण दिया जा रहा है. दो दर्जन से ज्यादा मुस्लिम जातियों को यूपी में ओबीसी कोटे में आरक्षण मिलता है. सूत्रों के मुताबिक सपा सरकार में इसके लिए नियम बनाये गए थे. राजस्थान में भजन लाल सरकार मुस्लिमो को ओबीसी कोटे में दिए आरक्षण की समीक्षा करेगी. इधर, बिहार में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कहा कि अब समय आ गया है कि मुसलमानों को दिए जाने वाले आरक्षण पर पुनः विचार हो. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी पलटवार करते हुए कहा कि बिहार के लोग झूठ पर फंसने वाले नहीं है. यहां झूठ का नफरत का ट्रेंड नहीं चलेगा, यहां जॉब का ट्रेंड चलेगा. आइये जानते हैं कि बिहार में मुस्लिमों की किन जातियों को आरक्षण फिलहाल मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक, मडरिया, मलिक, सुरजापुरी मुस्लिम (शेख, सैयद, मल्लिक, मोगल, पठान को छोड़कर) और नालबंद ओबीसी में शामिल हैं. इन्हें आरक्षण का लाभ मिल रहा है. इसके अलावा, अति-पिछड़ा वर्ग में मुस्लिम समुदाय की कई उपजातियां जिनमें कसाब (कसाई), डफाली, धुनिया, नट, भठियारा, भाट, मेहतर, लालबेगीया, हलालखोर, भंगी, मिरियासीन, मदारी, मोरशिकार, साई/फकीर/दिवान/मदार, मोमिन, जुलाहा/अंसारी, चुडीहार, राईन या कुंजरा, ठकुराई, बक्खो, इदरीसी या दर्जी, सैकलगर (सिकलगर), रंगरेज, मुकेरी, ईटफरोश/र्इटाफरोश/गदहेड़ी/ईटपज इब्राहिमी और तेली (हिन्दु एवं मुस्लिम) शामिल हैं. Tags: Bihar News, PATNA NEWSFIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 17:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed