पटना में गुपचुप किनसे मिले लालू-तेजस्वी कि बिहार की राजनीति में मच गई खलबली

Bihar Politics News: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अपनी उम्र की ढलान पर तो काफी पहले से हैं अब वे सक्रिय राजनीति से भी दूर हो गए हैं. लेकिन, कहा जा रहा है कि हाल के लोकसभा चुनाव नतीजों ने उन्हें अंदर से हिला दिया है. दरअसल, यह हिलना आम नहीं है, बल्कि उनकी पार्टी के बड़े आधार में कंपन होना है. ऐसे में वह एक बार फिर पॉलिटिकली एक्टिव होते दिख रहे हैं और भूल सुधार में लग गए हैं. इसी क्रम में पटना में लालू यादव और तेजस्वी यादव की एक अहम राजनीतिज्ञ के साथ बड़ी मुलाकात से बिहार की पॉलिटिक्स में हलचल हो गई है.

पटना में गुपचुप किनसे मिले लालू-तेजस्वी कि बिहार की राजनीति में मच गई खलबली
हाइलाइट्स मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब की आरजेडी में हो सकती है वापसी. लालू यादव और तेजस्वी यादव से पटना में गुपचुप मुलाकात के बाद चर्चा तेज. प्रशांत किशोर के जनसुराज का उभरना लालू यादव की सक्रियता का कारण. पटना. राजनीति में रूठने और मनाने का दौर चलता रहता है, लेकिन लालू यादव की छवि ऐसी कभी नहीं रही कि वह किसी के आगे बेबस होक उन्हें मनाने पहुंच जाएं. लालू यादव अपने दम पर राजनीति करते रहे हैं. लेकिन, हाल के दिनों में उनका स्वास्थ्य गिरा तो उनकी सक्रियता भी कुछ कम हुई है. इसका असर आरजेडी की राजनीति पर भी देखा जा रहा है. लोकसभा चुनाव परिणाम आशानुकूल नहीं होने के साइड इफेक्ट बिहार की पॉलिटिक्स में देखे जा रहे हैं और दमदार लालू यादव अब थोड़े झुकते हुए भी नजर आ रहे हैं. दरअसल, राष्टीय जनता दल की राजनीति के लिहाज से बड़ी खबर है कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि इन तीनों के बीच पटना के बोरिंग रोड स्थित आरजेडी के एक एमएलसी के घर पर मुलाकात हुई है. इस मुलाकात के बाद से ही बिहार की राजनीति में खलबली मची हुई है. बुधवार को लगभग एक घंटे तक हुई इन तीनों के बीच बातचीत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की खबर है. बता दें कि मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद लालू यादव तेजस्वी और हीना साहब की ये सबसे बड़ी मुलाकात है.दरअसल, इस मुलाकात को हिना शहाब और लालू यादव के परिवार के बीच बिगड़े संबंध को फिर से मज़बूत करने की कोशिश बताई जा रही है. दरअसल, सियासी गलियारों में चर्चा थी कि RJD की ओर से हिना शहाब को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है. यही कारण रहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में RJD से टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज होकर हिना शहाब ने सिवान से निर्दलीय चुनाव लड़ी थी. दूसरे नंबर पर हिना शहाब रहीं थी.बताया जा रहा है कि लालू यादव और तेजस्वी से काफी बेहतर माहौल में हिना की बातचीत हुई है और अब इस मीटिंग के नतीजों को लेकर कयासबाजियां हो रही हैं. हिना शहाब को लेकर अटकलें तेज कहा जा रहा है कि हिना शहाब फिर से आरजेडी में शामिल हो सकती हैं. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में हिना शहाब का बेटा ओसामा शहाब या बहू सीवान के रघुनाथपुर विधानसभा सीट से राजद की प्रत्याशी हो सकते हैं. वहीं, हिना शहाब को राज्यसभा भेजे जाने की भी अटकलें तेज हैं. हालांकि, इस बात की किसी भी ओर से पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन लालू यादव और तेजस्वी यादव की ओर से  आरजेडी के लिए कोर्स करेक्शन के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में राजद ने 4 सीटें जीती थी, लेकिन सीवान और सारण जैसी लोकसभा सीटों पर राजद हार गया था. सीवान-सारण की हार लालू को साल रही खास बात यह कि सीवान से अवध बिहारी चौधरी जैसे पुराने नेता और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके नेता की हार हुई थी. इसके साथ ही सारण में लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य की हार हुई थी. हाल के दिनों में लालू यादव अगर सबसे अधिक कहीं मेहनत करते देखे गए हैं तो वह है सारण लोकसभा सीट ही है जहां उनकी बेटी रोहिणी आचार्य संसदीय चुनाव लड़ रही थीं. लेकिन लालू यादव के पूरा जोर लगाने के बाद भी सारण सीट पर रोहिणी आचार्य की हार हो गई. अब हार के कारण तलाशे गए तो इसमें हिना शहाब की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि लालू यादव बेटी की हार से बेहद दुखी हो गए थे और अब हिना शहाब को अपने साथ लाकर भूल सुधार की कवायद की जा रही है. हिना शहाब और मोहम्मद शराबुद्दीन के परिवार का सीवान क्षेत्र के साथ ही बिहार के अन्य इलाकों में भी प्रभाव है. पीके पीछे पड़े तो हिल गईं  सियासी चूलें! इसके साथ ही राजनीति के जानकार यह भी बता रहे हैं कि लालू यादव इस बात से भी हिल गए हैं कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी लगातार एक अभियान चला रहे हैं जिसमें मुस्लिमों को राजद से अलग करने की योजना पर काम किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, आगामी 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर नई पार्टी लेकर सामने आ रहे हैं और जन सुराज के जरिए विधानसभा चुनाव में पुरजोर तरीके से सामने लाने के प्रयास में हैं. उनका बड़ा टारगेट मुस्लिम वोट बैंक है जो लालू प्रसाद की पार्टी राजद की एमवाई फैक्टर में सबसे बड़ा चंक है. मुस्लिमों की करीब 18 प्रतिशत आबादी के वोटर्स के खिसकने की सूरत में राजद के लिए कठिन राह हो जाएगी. मुस्लिम-यादव समीकरण में दिख रही दरार! वहीं, प्रशांत किशोर खुले तौर पर कह चुके हैं कि राजद का बड़ा आधार माय यानी मुस्लिम-यादव समीकरण है. ऐसे में अगर माय से मुस्लिम अलग हो जाएं और उनके जन सुराज की ओर मुड़ जाएं तो आगमी चुनाव में पीके की पार्टी के लिए बड़ी संभावना बन सकती है. सारण में एक एमएलसी सीट जीतने और पूर्णिया के रूपौली विधानसभा उपचुनाव में पीके अपना असर साबित कर चुके हैं. गौरतलब है कि प्रशांत किशोर की गतिविधियों को लेकर कुछ दिनों पहले राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं के नाम पत्र जारी कर चेतावनी दी थी. हालांकि, बाद में राजद ने इसे फेक कहा था, लेकिन जिस तरह से लालू यादव ने गुपचुप हिना शहाब से मुलाकात की है इससे साफ है कि सियासी चूलें हिलने लगी हैं और खतरा भांपकर समय रहते कदम उठाने की कवायद है. Tags: Bihar politics, Lalu Prasad Yadav, Lalu Yadav News, Mohammad shahabuddin, Prashant Kishor, Prashant Kishore, RJD leader Tejaswi Yadav, Tejaswi yadavFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 16:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed