भाई का फॉर्मूला कॉपी कर बेटे को पटखनी देने का पारस ने बनाया बाहुबली प्लान

लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की विरासत की जंग क्या बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में देखने को मिलेगी? क्या भाई राम विलास पासवान का 2005 वाला फॉर्मूला छोटे भाई पशुपति पारस साल 2025 में आजमा कर भतीजे चिराग पासवान को पटखनी देंगे? पढ़ें यह रिपोर्ट...

भाई का फॉर्मूला कॉपी कर बेटे को पटखनी देने का पारस ने बनाया बाहुबली प्लान
पटना. राजनीति में हर वक्त एक जैसा नहीं होता है. लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस के साथ भी आजकल कुछ ऐसा ही हो रहा है. एनडीए से दरकिनार हो जाने के बाद पशुपति पारस फिर से बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, 47 साल के राजनीतिक करियर में पशुपति पारस की पहचान रामविलास पासवान के छोटे भाई के तौर पर होती है. क्योंकि, रामविलास पासवान अब इस दुनिया में नहीं रहे और भतीजे चिराग पासवान से उनकी छत्तीस की दूरी है. ऐसे में पारस ने अपना वजूद जिंदा रखने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पारस एक ऐसा चलने जा रहे हैं, जो उनके भाई रामविलास पासवान साल 2005 के बिहार विधानसभा में चल चुके हैं. आपको बता दें कि रामविलास पासवान की उस चाल की वजह से बिहार विधानसभा 2005 में पार्टी के पास सत्ता की चाबी आ गई थी. पार्टी ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की थी. पासवान घूम-घूम कर बिहार की सत्ती की चाबी अपने जेब में रखने की बात कर रहे थे. चुनाव से पहले झारखंड में बड़ी जीत! एक ही रैली में क्या निकल गई हेमंत सोरेन की हवा? मोदी ने सेट कर दिया एजेंडा पारस की किस्मत क्या फिर से पलटेगी? पशुपति पारस को लग रहा है कि जिस तरह से उनके भाई रामविलास पासवान साल 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में 29 सीटें जीतकर सत्ता की चाबी हासिल कर लिया था. उसी तरह वह भी साल 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में हासिल कर सकते हैं. इस काम के लिए पारस भी अपने भाई की साल 2025 के चुनाव में बाहुबली नेताओं, पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों के साथ दबंग टाइप के लोगों को टिकट दे सकते हैं. साल 2005 का फॉर्मूला 2025 में कहा जा रहा है कि पारस के इस आइडिया पर जेडीयू और बीजेपी से किनारे किए गए और हाल ही में नई पार्टी बनाने वाले रामचंद्र प्रसाद सिंह का भी साथ मिला है. सूत्र बता रहे हैं कि आरसीपी ने पशुपति पारस को यह जिम्मेदारी दी है कि अगड़ी जाति के बाहुबलियों को मनाइए और एक चुनाव चिन्ह के बैनर तले साल 2025 का चुनाव लड़कर इंडिया गठबंधन और एनडीए दोनों को औकात बताएंगे. पारस को यह बात जच गई है और इस काम में वह लग गए हैं. रामविलास की तरह चाबी रखेंगे पारस? बता दें कि साल 2005 से 2009 के बीच राजनीति के मौसम वैज्ञानिक कहे जाने वाले रामविलास पासवान का राजनीतिक करियर खत्म होने के कगार पर पहुंच गया था. ऐसे में अगड़ी जाति के कई बाहुबलियों के सहारे रामविलास ने अपनी किस्मत बदलने की कोशिश की थी. काफी हदतक कामयाब भी हो गए थे. लेकिन, सीएम की कुर्सी की जिद ने पासवान को हाशिये पर फिर ला दिया. नवंबर 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीते हुए विधायकों में से 12 विधायकों को तोड़कर नीतीश कुमार सीएम बन गए थे. बाहुबलियों के सहारे होगा लड़ेंगे चुनाव अब वही फ़ॉर्मूला पशुपति पारस बाहुबली और पूर्व सांसद सुरजभान सिंह के जरिए करवाना चाह रहे हैं. आपको बता दें कि सुरजभान सिंह एलजेपी से बलिया (बेगूसराय) के सांसद रह चुके हैं. रामविलास पासवान के दौर में सुरज भान उनके सबसे खास लोगों में से एक हुआ करते थे. लेकिन, चिराग की सुरजभान सिंह से नहीं पटी. सुरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी मुंगेर से सांसद रह चुकी हैं. भाई चंदन सिंह साल 2019 के लोकसभा चुनाव में नवादा से सांसद रह चुके हैं. ऐसे में पारस अब अपने भतीजे को अपने भाई के दांव से ही पटखनी देने का प्लान तैयार कर लिया है. ऐसे में आने वाले दिनों में बिहार में हाशिये पर चल रहे सभी नेताओं का जुटान एक प्लेटफॉर्म पर हो तो इसमें कोई अचरज की बात नहीं होगी. खासकर, पशुपति कुमार पारस, रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी), नागमणी और जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार सिंह जैसे कई नेता हो सकते हैं. Tags: Bihar News, Chirag Paswan, Pashupati Kumar Paras, Pashupati ParasFIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 19:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed