सिर्फ 3 मिनट में बचा सकते हैं किसी की जान अब कॉलेज में मिलेगी CPR ट्रेनिंग
सिर्फ 3 मिनट में बचा सकते हैं किसी की जान अब कॉलेज में मिलेगी CPR ट्रेनिंग
CPR Training: देशभर में कार्डियक अरेस्ट से मौत के मामले बढ़ गए हैं. किसी को हंसते-खेलते हार्ट अटैक आ रहा है, कोई डांस करते हुए गिर जा रहा है तो कभी स्टेज पर दूल्हा या दुल्हन की मौत से खुशियां मातम में बदल जा रही हैं. कई मामलों में सीपीआर देकर शख्स की जान बचाई जा सकती है. इसीलिए यूजीसी ने हर यूनिवर्सिटी, कॉलेज में सीपीआर ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया है.
नई दिल्ली (CPR Training). बीते कुछ सालों में कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ गए हैं. कुछ केस तो इतने अचानक से हुए हैं कि किसी को भी डॉक्टर को बुलाने या कुछ संभालने का मौका ही नहीं मिला. हार्ट अटैक की स्थिति में व्यक्ति को तुरंत सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है. यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी को सीपीआर ट्रेनिंग के संबंध में जरूरी नोटिस भेजा है. अब ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन वाले हर स्टूडेंट को सीपीआर ट्रेनिंग दी जाएगी.
सीपीआर का फुल फॉर्म Cardiopulmonary Resuscitation है (CPR Full Form). इस तकनीक के जरिए हार्ट अटैक की स्थिति में किसी की जान बचाई जा सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में मरीज की जान बचाने के लिए सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन की ट्रेनिंग देने का अभियान शुरू किया है. मेडिकल, एजुकेशन समेत सभी संस्थानों में सीपीआर ट्रेनिंग का स्तर बढ़ाया जा रहा है. इससे कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में ज्यादा जानें बचाई जा सकेंगी.
CPR Training in Colleges: यूजीसी ने जारी किया नोटिस
UGC यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने देश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के प्रिंसिपल को एक नोटिस जारी किया है. इसमें स्पष्ट लिखा है कि डॉक्टरों और मेडिकल की फील्ड से जुड़े अन्य एक्सपर्ट की मदद से सभी स्टूडेंट्स, फैकल्टी और स्टाफ को बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) की ट्रेनिंग दी जाए. यूजीसी ने इसमें कुछ आंकड़े भी दिए हैं. उसके मुताबिक, देश में सिर्फ 0.1% लोग ही बीएलएस तकनीक जानते हैं. एजुकेशन सेक्टर में इसे शामिल करने से ज्यादा लोगों की जानें बचाई जा सकेंगी.
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Cardiac Arrest: शुरुआत 3-10 मिनटों में बच सकती है जान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया भी लोगों से सीपीआर ट्रेनिंग लेने की अपील कर चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय इस अभियान में संस्थाओं की पूरी मदद कर रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में शुरुआती 3 से 10 मिनट बहुत अहम होते हैं. बता दें कि कार्डियक अरेस्ट के कारण हर साल देश में करीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है. लेकिन अगर कोई ट्रेंड व्यक्ति पीड़ित की जान बचाने की कोशिश करता है तो करीब 3.5 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है.
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Tags: Cardiac Arrest, Health News, Heart attack, UgcFIRST PUBLISHED : June 1, 2024, 16:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed