पिता रामविलास या चाचा पारस चिराग को किनका वाला मंत्रालय मिला समर्थक हैं

साल 2020 में चिराग पासवान ने पिता रामविलास पासवान का मंत्री रहते निधन हो गया था. रामविलास पासवान के निधन के बाद मोदी कैबिनेट में उन्हें राज्यमंत्री बनने का ऑफर मिल था, जिसे उन्होंने लेने से इंकार कर दिया था. इसके बाद ही हाजीपुर के मौजूदा सांसद और चिराग के चाचा पशुपति पारस को मोदी कैबिनेट में जगह दी गई. पारस को भी खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का ही कार्यभार मिला था.

पिता रामविलास या चाचा पारस चिराग को किनका वाला मंत्रालय मिला समर्थक हैं
नई दिल्ली. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और हाजीपुर के नए सांसद चिराग पासवान ने आज खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का प्रभार संभाल लिया है. एलजेपी सूत्रों की मानें चिराग के समर्थक बड़े मंत्रालय मिलने की उम्मीद कर रहे थे. ऐसे में थोड़ी निराशा है. इसके बावजूद मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान आज पूरे परिवार के साथ मंत्रालय गए और मंत्रोच्चार के साथ मंत्रालय का कामकाज शुरू कर दिया. आपको बता दें कि साल 2020 में चिराग पासवान ने पिता रामविलास पासवान का मंत्री रहते निधन हो गया था. रामविलास पासवान के निधन के बाद मोदी कैबिनेट में उन्हें राज्यमंत्री बनने का ऑफर मिल था, जिसे उन्होंने लेने से इंकार कर दिया था. इसके बाद ही हाजीपुर के मौजूदा सांसद और चिराग के चाचा पशुपति पारस को मोदी कैबिनेट में जगह दी गई. पारस को भी खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का ही कार्यभार मिला था. खगड़ियाा के एलजेपी (रामविलास) के सांसद राजेश वर्मा के एक समर्थक मनोज पासवान को जैसे ही चिराग के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का प्रभार मिलने की खबर मिलती है वह निराश हो जाते हैं. वेस्टर्न कोर्ट कैंटीन में बैठ कर मनोज सोमवार शाम को टीवी पर मंत्रालय के विभागों के बंटवारे वाली खबर को बड़े ध्यान से सुन रहे थे. पहले चिराग को खेल मंत्रालय की खबर आई तो वह चौंक गए. लेकिन, ऐसा कहा गया है कि यह सूत्रों की खबर है तो उनके चेहरे पर थोड़ी मुस्कुराहट आ गई कि चलो खेल नहीं मिला तो अच्छा ही है. लेकिन, कुछ ही देर के बाद जब चिराग पासवान को अपने चाचा के मंत्रालय का प्रभार मिलने की खबर आई मनोज फिर निराश हो गए. सांसद हों या मंत्री…मांगते हैं कॉफी तो साथ मिलता है 2 गुड डे बिस्किट, पैसा देते वक्त लगता है 440 वोल्ट का झटका न्यूज 18 हिंदी ने पासवान से पूछा कि चलिए मनोज जी आपको बधाई आपके नेता को बहुत बड़ा मंत्रालय मिल गया. इस सवाल पर मनोज अपना चेहरा बनाते हुए कहते हैं, ‘देखिए, हमलोग कोई बड़ा मंत्रालय की उम्मीद कर रहे थे. रामविलास पासवान कद जैसा मंत्रालय. बताइए न जीतन राम मांझी से भी हमलोग गए गुजरे हैं क्या? हमारे 5 सांसद हैं. मंत्रालय क्या मिला.. बताइए पता भी नहीं कि यह मंत्रालय दिल्ली में कहां है? मैं आपको नहीं बताऊंगा, लेकिन चिराग भैया बड़े मंत्रालय की उम्मीद कर रहे थे. चलिए कोई बात नहीं. यह तो हमारे नेता की शुरुआत है.’ खगड़ियाा के एलजेपी (रामविलास) के सांसद राजेश वर्मा के अपने समर्थकों के साथ. बता दें कि कल सोमवार को पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को बिभागों का बंटवारा किया था. देश के गृह मंत्री के रूप में अमित शाह, रक्षा मंत्री के रूप में राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री के रूप में एस जयशंकर और वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण काम करती रहेंगी. रेल, कोमर्स, आईटी मंत्रालय के भी वही मंत्री बने हैं, जो पहले काम कर रहे थे. हां, कृषि और ग्रामीण विभाग मंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान और ऊर्जा और शहरी मंत्रालय के रूप में मनोहर लाल खट्टर इस बार मंत्री बने हैं. वहीं, बिहार के पूर्व सीएम और गया के हम सांसद जीतन राम मांझी को सूक्ष्म एवं लघु उद्योग देकर पीएम मोदी ने सबको चौंका दिया. मोदी कैबिनेट में बिहार की बल्‍ले-बल्‍ले, इन 8 चेहरों को मिली जगह, जानें इनके बारे में सबकुछ अगर बात बिहार के संदर्भ में करें तो चिराग पासवान को इस मंत्रालय में काम करने का बड़ा स्कोप है. इस मंत्रालय के तहत चिराग पासवान पूरे बिहार में खाद्य प्रसंस्करण का उद्योग लगाने की शुरुआत कर सकते है. खासकर खगड़िया में मक्का को लेकर केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत भी कर सकते हैं. बता दें कि मक्का उत्पादन में पूरे देश में खगड़िया का पहला स्थान है. इस जिले में 50 हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती होती है. यहां सालाना एक लाख 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक उत्पादन होता है. यहां पर केंद्र सरकार ने प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क शुरू किया है, जिससे जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों के मक्का किसानों की चांदी हो सकती है. Tags: Chirag Paswan, New Modi Cabinet, Pashupati Kumar Paras, Ram Vilas PaswanFIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 12:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed