बिहार: दियारा के स्कूल जाते वक्त गंगा नदी में बह गए बीपीएससी से सेलेक्टेड टीचर

Bihar Teacher News: बिहार में आम बोलचाल की भाषा में प्राय: कहा जाता है कि... नौकरी ना करी! इसका अर्थ यह है कि नौकरी में गुलामी का भाव होता है और लोग नौकरी न करके अपना कुछ काम करें तो बेहतर. यह चर्चा बिहार के शिक्षक एक बार फिर करने लगे हैं क्योंकि बाढ़ प्रभावित दियारा क्षेत्र में ड्यूटी के लिए जाते समय एक टीचर अविनाश कुमार सिंह गंगा नदी में बह गए हैं. इस घटना से शिक्षक संघ आक्रोशित है और शिक्षा विभाग बचाव की मुद्रा में है.

बिहार: दियारा के स्कूल जाते वक्त गंगा नदी में बह गए बीपीएससी से सेलेक्टेड टीचर
हाइलाइट्स BPSC TRE 1 से नियुक्त शिक्षक अविनाश कुमार सिंह का अब तक नहीं मिला सुराग. शिक्षक अविनाश कुमार सिंह को आज भी गंगा नदी में तलाशेगी एसडीआरएफ टीम. शिक्षक के गंगा नदी में डूबने से मौत की आशंका के बीच बिहार के टीचरों में आक्रोश. पटना. बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा से चयनित एक शिक्षक स्कूल जाने के क्रम में पानी की तेज धार में बह गए. इस हादसे से शिक्षकों में काफी आक्रोश है. घटना पटना के नासरीगंज घाट की है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि नाव पर सवार होते ही शिक्षक अविनाश कुमार सिंह फिसल गए और गंगा नदी में गिरते ही पानी की तेज धार में बह गए. बाद में एसडीआरएफ की टीम सर्च अभियान में जुटी, लेकिन शिक्षक का पता नहीं चल सका. इसके बाद शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा है और आरोप लगाए जा रहे हैं कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के साथ ही सरकार संवेदनहीनता और लापरवाही से हादसा हुआ है क्योंकि जलस्तर बढ़ने के बाद भी दियारा क्षेत्रों के स्कूल बंद नहीं किए गए. शिक्षकों का कहना है कि न तो सरकारी नाव और न ही गोताखोर की व्यवस्था है और शिक्षक जान को जोखिम में डालकर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं. शिक्षक संघ का कहना है कि ऑनलाइन अटेंडेंस के सरकार के दबाव को शिक्षक झेल रहे हैं. दियारा के शिक्षकों को आज तक लाइफ जैकेट तक नहीं दिया गया. शिक्षकों ने तत्काल दियारा के सभी स्कूलों को बंद करने की मांग की है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि बाढ़ ग्रस्त इलाके के स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए क्योंकि बाढ़ के दौरान स्थिति गंभीर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि पहले बाढ़ ग्रस्त इलाके के स्कूल बंद रहते थे जिसके बदले गर्मी छुट्टी नहीं दी जाती थी. शिक्षा विभाग की जिद से शिक्षक की जान चली गई. लापता शिक्षक की तलाश आज भी होगी इस बीच बीपीएससी शिक्षक अविनाश कुमार सिंह का पता नहीं चल सका है. शुक्रवार को नासरीगंज घाट पर रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म कर दिया गया था, लेकिन जानकारी के अनुसार शिक्षक की तलाश आज भी जारी रहेगी. वहीं, दियारा क्षेत्र के सैकड़ों शिक्षकों ने कहा है कि आज से स्कूल नहीं जाएंगे. वहीं, हादसे के बाद पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी के घटनास्थल पर नहीं पहुंचने पर भी शिक्षकों में नाराजगी है. शिक्षकों का आरोप है कि 10 दिन पहले गंगा की धार को देखते हुए आवेदन दिया गया था, लेकिन आवेदन को निरस्त कर दिया गया था. पटना डीएम ने एसडीएम को दिये निर्देश इस बीच News 18 के इस खबर को प्रमुखता से उठाने पर पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने शिक्षकों के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. डीएम ने एसडीएम को आदेश देते हुए कहा है कि पटना के प्रमुख घाटों पर निबंधित सरकारी नाव की व्यवस्था होगी जिससे शिक्षकों को आवागमन में सुविधा होगी. दियारा क्षेत्र के शिक्षकों और छात्रों की सुरक्षा का ध्यान रखा जायेगा. वहीं, डीएम ने दियारा के शिक्षकों से स्कूल के पास ही आवास रखने की अपील की है. डीएम ने सभी एसडीएम को निर्देश के पालन का निर्देश देते हुए कहा है कि अपने अपने क्षेत्र में अवैध नावों के परिचालन पर तत्काल रोक लगाएं. हादसे के बाद जागा शिक्षा विभाग वहीं, न्यूज 18 की खबर का बड़ा असर हुआ और नासरीगंज घाट पर हादसे के बाद शिक्षा विभाग भी एक्शन मोड में आ गया है. शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने पत्र जारी कर बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के छात्रों और शिक्षकों के आवागमन को लेकर आदेश दिया है कि जिन घाटों पर नदी पर शिक्षक और छात्र स्कूल जाते हैं वैसी घाटों पर सरकारी नाव की व्यवस्था होगी.सभी नावों पर लाइफ जैकेट और गोताखोर की व्यवस्था रहेगी और सभी डीएम लाइफ जैकेट की खरीदारी करेंगे.आदेश में कहा गया है कि डीएम स्कूल खुलने और बंद होने के समय को देखकर नाव परिचालन का निर्धारण करें. किसी कारण से समय पर शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचते हैं तो भी एक घंटे तक विलंब से पहुंचने पर अनुपस्थित नहीं माने जाएंगे. Tags: Bihar News, Bihar Teacher, BPSC, BPSC examFIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 08:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed