बलिया: कृषि क्षेत्र में फसलों की सुरक्षा और उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की जैविक खादों और कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है. इन जैविक विधियों में से एक महत्वपूर्ण और प्रभावी विधि है ‘अग्नि अस्त्र खाद’. यह खाद न केवल फसलों को पोषण देती है बल्कि कीट पतंगों के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच भी प्रदान करती है. श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी प्रो. अशोक कुमार सिंह ने अग्नि अस्त्र खाद के बारे में पूरी जानकारी दी है.
– क्या है अग्नि अस्त्र खाद
अग्नि अस्त्र खाद एक जैविक कीटनाशक है जो प्राकृतिक तत्वों से तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए कई सामग्रियों का उपयोग किया जाता है.
गाय का गोबर 5 किलो, गाय का मूत्र: 10 लीटर, नीम की पत्तियां 2 किलो, तम्बाकू की पत्तियां 500 ग्राम, लहसुन 250 ग्राम, हरी मिर्च 250 ग्राम,
बनाने की विधि:
मिश्रण तैयार करना: एक बड़े बर्तन में गाय का गोबर और मूत्र डालें. इसमें नीम, तम्बाकू, लहसुन और हरी मिर्च को पीसकर मिलाएं. इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं और ढककर 24 घंटे के लिए छोड़ दें.
छानना: 24 घंटे बाद इस मिश्रण को छान लें और उसमें से तरल को अलग कर लें. यह तरल ‘अग्नि अस्त्र खाद’ कहलाता है.
उपयोग की विधि
अग्नि अस्त्र खाद को पानी के साथ 1:10 के अनुपात में मिलाएं (1 लीटर अग्नि अस्त्र खाद और 10 लीटर पानी). इस मिश्रण को फसलों पर स्प्रे करें, विशेष रूप से उन हिस्सों पर ध्यान दें जहां कीट पतंगों का संक्रमण होता है. इसे हर 15 दिनों में एक बार फसलों पर स्प्रे करें. कीट पतंगों के प्रकोप के समय, इसे हर 7 दिनों में भी स्प्रे किया जा सकता है.
फसलों के लिए लाभ
कीट पतंगों का नाश: अग्नि अस्त्र खाद में मौजूद तत्व कीट पतंगों के लिए विषाक्त होते हैं और उन्हें फसलों से दूर रखते हैं.
जैविक और सुरक्षित: यह खाद पूरी तरह से जैविक होती है और फसलों के लिए सुरक्षित होती है. इसका उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है.
पोषण प्रदान करना: यह फसलों को आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है, जिससे उनकी वृद्धि और उत्पादन में सुधार होता है.
अग्नि अस्त्र खाद का उपयोग कर किसान न केवल फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि उनकी उर्वरता और उत्पादन क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 09:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed