असम में बाढ़: पानी पर तैरते शवों का अंतिम संस्कार भी मुश्किल सिलचर में शमशान घाट हुए जलमग्न

Assam Flood: असम का सिलचर शहर बाढ़ की चपेट में है. यहां शमशान घाट समेत कई इलाकों में पानी घुस गया है. ऐसे में मृतकों का दाह-संस्कार करने में काफी समस्या हो रही है. बाढ़ के दौरान अपने परिजन को खोने वाले परिवार पानी भरा होने के कारण शवों को श्मशान नहीं ले जा पा रहे और कछार जिला प्रशासन भी उन तक नहीं पहुंच पा रहा.

असम में बाढ़: पानी पर तैरते शवों का अंतिम संस्कार भी मुश्किल सिलचर में शमशान घाट हुए जलमग्न
सिलचर: असम (Assam Floods) का सिलचर शहर एक सप्ताह से अधिक समय से भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है और ऐसे में श्मशान घाट समेत हर जगह पानी भर जाने के कारण लोगों को मृतकों का दाह-संस्कार करने में काफी समस्या हो रही है. बाढ़ के दौरान अपने परिजन को खोने वाले परिवार पानी भरा होने के कारण शवों को श्मशान नहीं ले जा पा रहे और कछार जिला प्रशासन भी उन तक नहीं पहुंच पा रहा. अधिकारियों ने बताया कि बेतकुंडी में बांध टूटने के बाद पानी घुस आने से सिलचर बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आरोप है कि कुछ बदमाशों ने 19 जून को यह बांध तोड़ दिया था. उन्होंने बताया कि सिलचर में करीब तीन लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सिलचर के पास चुतरासंगन गांव के निवासी निरेन दास की 24 जून को मौत हो गई थी, लेकिन बाढ़ के कारण करीब दो दिन तक उनका अंतिम संस्कार नहीं हो सका. इसके बाद एक कॉलेज के शिक्षक रामेंद्र दास सहायता के लिए आगे आए और शोक संतप्त परिवार के कुछ सदस्यों के साथ मिलकर शव को नाव के जरिए लेकर गए. दास को 15 किलोमीटर तक नाव चलाने के बाद सिलचर शहर के बाहर बाबरबाजार में एक सूखी जगह मिली, जहां दास का अंतिम संस्कार किया गया. बाढ़ के बीच निकाली अर्थी हाल में सिलचर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें कुछ लोग गले तक पहुंच चुके बाढ़ के पानी में एक अरथी को ले जाते दिख रहे हैं. इसके अलावा, पिछले सप्ताह स्थानीय स्वयंसेवकों को शहर में एक महिला का शव तैरता मिला. उन्हें शव के साथ एक पत्र भी मिला, जिसमें अनुरोध किया गया था कि जिसे भी यह शव मिले, वह इसका अंतिम संस्कार कर दे. ऐसा बताया जा रहा है कि यह पत्र महिला के बेटे ने लिखा था, जो रंगीरखरी क्षेत्र का रहने वाला है. पत्र में बेटे ने लिखा था कि वह अपनी मां के शव को बाढ़ के कारण श्मशान नहीं ले जा पा रहा है. महिला के शव का स्थानीय स्वयंसेवकों ने अंतिम संस्कार किया. कस्बे के मुख्य श्मशान घाट की देख रेख करने वाले दिलीप चक्रवर्ती ने बताया कि पूरा इलाका पानी में डूब गया है और उन्हें खुद सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘पूरे इलाके के पानी में डूब जाने के कारण किसी शव का संस्कार करना संभव नहीं है.’’ स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन और निर्वाचित प्रतिनिधि बाढ़ में फंसे हुए लोगों की समस्याओं का समाधान करने में विफल रहे हैं. सीएम ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को स्थिति की समीक्षा के लिए शहर का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि फंसे हुए सभी लोगों तक पहुंचना संभव नहीं है. ऐसे में कई गैर सरकारी संगठनों के सदस्य और अन्य लोग बीमारों एवं वरिष्ठ नागरिकों की मदद करने के लिए आगे आए हैं और वे मृतकों के दाह संस्कार में भी मदद कर रहे हैं. Video: असम में बाढ़ के हालात देखने पानी में ही उतर गए CM हिमंता बिस्वा सरमा, पीड़ितों की सुनी समस्याएं वन विभाग दाह संस्कार के लिए कुछ लकड़ियां निःशुल्क उपलब्ध करा रहा है और सिलचर नगर बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष बिजेंद्र प्रसाद सिंह ने बाढ़ का पानी कम होने के बाद नागरिक कार्यालय से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कराने की जिम्मेदारी ली है. राहत एवं बचाव कार्यों में लगे एक स्वयंसेवक ने कहा कि कई गैर सरकारी संगठन शवों का सूखी जगह पर अंतिम संस्कार करने में मदद के लिए आगे आए हैं, लेकिन इन स्थानों तक पहुंचना बहुत महंगा है क्योंकि नावों के मालिक लगभग छह किलोमीटर की यात्रा के लिए न्यूनतम 3,000 रुपये मांग रहे हैं. इस बीच, उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि प्रशासन निवासियों की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और उसने व्यापारियों को चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति इस संकट के दौरान अधिक दर वसूलता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Assam, Floods, Himanta biswa sarmaFIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 19:29 IST