राईका बाग या राई का बाग! नाम ने मचाया तूफान रेलवे से टकरा गया पूरा समाज

Jodhpur News: जोधपुर में राईका बाग/राई का बाग रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर चल रहा विवाद तूल पकड़ गया है. राईका समाज का का कहना है कि लड़ाई नाम की नहीं है बल्कि सम्मान की है. सरकार हमारी बात सुने नहीं तो जयपुर कूच किया जाएगा. जानें क्या है विवाद.

राईका बाग या राई का बाग! नाम ने मचाया तूफान रेलवे से टकरा गया पूरा समाज
रंजन दवे. जोधपुर. राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन राईका बाग/राई का बाग को लेकर इन दिनों घमासान मचा हुआ है. रेलवे स्टेशन के इस नाम को लेकर राजस्थान का पूरा राईका समाज रेलवे से भिड़ गया है. हालात अब आंदोलन से आगे पहुंच गए हैं. राईका समाज का दावा है कि स्टेशन की यह जमीन उनके पुरखों ने इसी शर्त पर दी थी कि इसका नाम ‘राईका का बाग’ रखा जाएगा. लेकिन रेलवे ने इसका नाम ‘राई का बाग’ कर दिया है. लिहाजा इसके नाम में संशोधिन किया जाए. राईका समाज ने चेतावनी दे रखी है अगर उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया तो जयपुर कूच किया जाएगा. दरअसल रेलवे ने इस रेलवे स्टेशन के बाहर पिछले दिनों एक इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड लगाया था. उसमें उन्होंने राई का बाग का नाम लिख दिया. इससे राईका समाज नाराज हो गया. समाज के प्रतिनिधियो के मुताबिक पूर्व में जोधपुर का यह इलाका राईका समाज का निवास हुआ करता था. उनके पूर्वजों का इतिहास समाज के आसुराम राईका से जुड़ा है. उन्होंने अपनी जमीन को रानी को बाग बनाने के लिए दिया था. तब से इसे राईका बाग के नाम से जाना जाने लगा था. उसके बाद यहां रेलवे स्टेशन बना. इस इलाके में राईका बाग पैलेस नाम से भवन भी बना हुआ है. वहीं यहां से कुछ दूरी पर आसुराम राईका की प्रतिमा भी लगी है. गलती कहां से हुई कहां से किसी को पता नहीं यह गलती कहां से हुई कहां से शुरू हुई इसका पता शायद रेलवे विभाग को भी नहीं है. क्योंकि रेलवे में भी जगह-जगह दो अलग नाम लिखे गए हैं. एक जगह राई का बाग लिखा है तो दूसरी जगह राईका बाग लिखा है. राईका बाग आंदोलन समिति के अध्यक्ष कपूरराम राईका का कहना है कि राईका बाग रेलवे स्टेशन को उनके समाज के आसूराम राईका के कारण नाम मिला था. लेकिन सरकार ने राईका बाग रेलवे स्टेशन का नाम राई का बाग कर दिया है. यहां से राईका समाज का इतिहास जुड़ा है उनका कहना है कि इसको लेकर जिला प्रशासन, रेलवे प्रशासन, राज्य सरकार और केन्द्र सरकार समाज की कोई सुनवाई कर रही है. राईका समाज का कहना है कि स्टेशन के भीतर स्टेशन कक्ष के सभी बोर्ड पर सही नाम राईका बाग लिखा है. इस नाम के पीछे यहां निवास करने वाले राईका समाज का इतिहास जुड़ा है. समाज के वीर रिडमल राईका इतिहास एवं संस्कृति संरक्षण संस्था के सचिव सुखाराम और लाल सिंह राइका ने बताया कि अब समाज पत्र व्यवहार करने की बजाय आंदोलन की राह अपना रहा है ताकि गूंगी बहरी सरकार इतिहास के साथ हो रहे इस खिलवाड़ पर जागकर अपनी गलती को सुधारे. रायका और देवासी समाज जयपुर कूच करेगा बीते दिनों राईका और देवासी समाज के आंदोलन के तहत दूसरे दौर की वार्ता में सहमति बनी थी. उसके अनुसार जिला कलेक्टर के राजस्व रिकॉर्ड में राईका शब्द साथ में जुड़ा होने की बात सामने आई है. इसके साथ ही रेलवे के अधिकारियों को भी जिला कलेक्टर के कार्यालय बुलाकर इस बारे में अवगत कराया गया है. लेकिन अभी तक उसमें कोई सुधार नहीं है. आंदोलन संयोजक लाल सिंह रायका और अन्य ने रेल प्रशासन को समय दिया है. उनके अनुसार अगर मांग पूरी नहीं हुई तो पूरे प्रदेश का रायका और देवासी समाज जयपुर कूच करेगा. उनके मुताबिक यह लड़ाई नाम की नहीं होकर उनके सम्मान की है. यह मामला विधानसभा में भी उठा था बीते दिनों राईका समाज के राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने जोधपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि राईका बाग रेलवे स्टेशन को लेकर मुख्यमंत्री के साथ उनकी चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री ने इस मामले को लेकर रेल मंत्री से भी चर्चा की है. इस पूरे विवाद के समाधान के लिए राजस्व  रिकार्ड खंगाल जा रहा है. हाल ही में यह मामला विधानसभा में भी उठा था. राईका समाज ने इसके साथ ही जोधपुर डीआरएम ने यह मांग भी की है कि रेलवे स्टेशन के बाहर आसुराम राइका की प्रतिमा लगाई जाए. बहरहाल राईका समाज का संघर्ष जारी है. एक दिन पहले रविवार को भी समाज के लोग यहां जुटे थे. Tags: Indian Railway news, Jodhpur News, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 13:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed