द्रव्यवती नदी फिर से बनने लगी अमानीशाह नाला 1800 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट हुआ ‘कीचड़’ में तब्दील
द्रव्यवती नदी फिर से बनने लगी अमानीशाह नाला 1800 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट हुआ ‘कीचड़’ में तब्दील
Dravyavati river again in bad condition: राजधानी जयपुर में स्थित द्रव्यवती नदी एक बार फिर अमानीशाह नाले में तब्दील होने लग गई है. जनता के गाढ़ी कमाई के 1800 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के हालात इतने बुरे हो गए हैं कि अब इसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए यह नासूर बन गई है. पढ़ें ताजा रिपोर्ट.
हाइलाइट्सद्रव्यवती नदी फिर दुर्गंध वाले नाले में तब्दील हो गईसाबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर विकसित किया जाना था47 KM लंबी द्रव्यवती नदी में 300 से ज्यादा छोटे-बड़े नाले आकर मिलते हैं
रोशन शर्मा.
जयपुर. राजस्थान सरकार शहरों के सौंदर्यीकरण (Beautification of cities) के प्रोजेक्ट्स पर लगातार काम करने के दावे कर रही हैं. राजधानी जयपुर में पिछली बीजेपी सरकार ने अमानीशाह नाले को सुंदर द्रव्यवती नदी (Dravyavati River) में तब्दील करने की बड़ी योजना बनाई थी. काम भी हुआ लेकिन1800 करोड़ खर्च होने के बावजूद यह नदी फिर नाले में तब्दील होने लग गई है. इस प्रोजेक्ट को बनाने और देखरेख करने वाली कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स ने इससे हाथ खींच लिए हैं. वहीं सिस्टम भी इस कदर बेबस हो गया है कि कंपनी से काम तक नहीं करवा पा रहा है.
जयपुर के अमानीशाह नाला को द्रव्यवती नदी के तौर पर विकसित किया जाना था. लेकिन अब इसमें बदलती सरकारों की राजनीति का कीचड़ जमा हो गया है. पिछली बीजेपी सरकार के वक्त गुजरात के साबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर इसे भी पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने का खाका खींचा गया था. लेकिन मौजूदा सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट को एक तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. यानी जनता की गाढ़ी कमाई का 1800 करोड़ रुपए एक तरह से डूबो दिया गया.
नदी में 300 से ज्यादा छोटे-बड़े नाले आकर मिलते हैं
इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन अक्टूबर 2018 थी. अब चार साल बीत जाने के बाद यह नदी फिर दुर्गंध वाले नाले में तब्दील हो गई है. इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह नदी अब किसी नरक से कम साबित नहीं हो रही है. दरअसल 47 किलोमीटर लंबी इस द्रव्यवती नदी में 300 से ज्यादा छोटे-बड़े नाले आकर मिलते हैं. उनके पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ करने के बाद नदी में फिर से डाला जाता है. इस तरह के 5 एसटीपी लगाए गए हैं. लेकिन जेडीए के इस प्रोजेक्ट को बनाने और मेंटेन करने वाली कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स ने अब इन्हें बंद कर दिया है.
पैसा जनता का है लेकिन जवाबदेही किसी की नहीं
अब नदी में कहीं भी साफ पानी नहीं है बल्कि गंदे नालों का पानी ही बह रहा है. ऐसा पिछले एक साल से हो रहा है. प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सीधे तौर पर जेडीए की है। लेकिन चार साल का वक्त गुजरने के बाद भी न तो जेडीए ने कंपनी को नोटिस दिया है और न ही कोई जुर्माना लगाया है. दोनों की आपसी धड़ेबंदी और नाकामी के बीच राजधानी की जनता पिस रही है. द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट सरकारों की आपसी खींचतान और शहरी विकास की एजेंसियों की नाकामी का जीता-जागता नमूना बन गई है. पैसा जनता का है लेकिन जवाबदेही किसी की नहीं है.
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Tags: Ashok Gehlot Government, BJP Congress, Jaipur news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 16:10 IST