ब्यूरोक्रेसी को लेकर बोले मंत्री अशोक चांदना कहा- टकराव पहले भी होता रहा है आगे भी जारी रहेगा
ब्यूरोक्रेसी को लेकर बोले मंत्री अशोक चांदना कहा- टकराव पहले भी होता रहा है आगे भी जारी रहेगा
Bureaucracy Vs Minister: राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी और मंत्रियों तथा विधायकों के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है. ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ पूर्व में मोर्चा खोल चुके अशोक गहलोत सरकार के मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) ने एक बार फिर कहा है कि यह कोई नई बात नहीं है. टकराव पहले भी होता रहा है और भविष्य में भी यह होता रहेगा. समस्याओं के प्रति सबका अपना-अपना नजरिया होता है.
जयपुर. जनप्रतिनिधियों का ब्यूरोक्रेसी से टकराव (Bureaucracy Vs Public representatives) को लेकर गहलोत सरकार के मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) का बड़ा बयान सामने आया है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब होते हुए चांदना ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और ब्यूरोक्रेसी के बीच टकराव आज से नहीं हो रहा है बल्कि यह पहले भी होता रहा है और आगे भी जारी रहेगा. चांदना ने कहा किसी भी मामले को जनप्रतिनिधि अलग नजरिए से देखते हैं जबकि ब्यूरोक्रेट्स अलग नजरिए से देखते हैं. इसीलिए यह टकराव होता है.
मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के बीच जाते हैं और उनके समक्ष रोज नए-नए मुद्दे आते हैं. लिहाजा इसकी कोई गारंटी नहीं है कि नौकरशाहों से टकराव खत्म हो जाएगा. यह कभी नहीं रुकने वाली चीज है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की हर पांच साल में परीक्षा होती है. जनप्रतिनिधियों को उसी के अनुरुप समस्याओं के प्रति नजरिया रखना होता है. राजस्थान में मंत्री अशोक चांदना समेत कई मंत्रियों का ब्यूरोक्रेसी से टकराव हो चुका है. इसके चलते कई अधिकारियों पर तबादलों की गाज गिर चुकी है. कई मंत्रियों और विधायकों का ब्यूरोक्रेट्स से यह टकराव आज भी जारी है.
लम्पी स्किन डिजीज से बड़ा नुकसान
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को मंत्री लालचन्द कटारिया और अशोक चांदना ने जनसमस्याएं सुनीं. पीसीसी उपाध्यक्ष एवं विधायक राकेश पारीक भी इस जनसुनवाई के दौरान मौजूद रहे. जनसुनवाई के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कृषि एवं पशुपालन विभाग मंत्री लालचन्द कटारिया ने मवेशियों में तेजी से फैल रही लम्पी स्किन बीमारी पर स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि राजस्थान सहित कई राज्यों में दुधारु पशुओं में यह बीमारी फैल रही है. यह कोरोना वायरस की तरह है.
पशुधन का काफी बड़े स्तर पर हुआ नुकसान
उन्होंने बताया कि जिस पशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उसे ही यह बीमारी लगती है. कटारिया ने कहा कि हम पशुओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली दवाइयां दे रहे हैं. क्योंकि इस बीमारी का अभी तक टीका नहीं बन पाया है. उन्होंने कहा कि अब तक इस बीमारी से कितने पशुओं की मौत हुई इसका कोई सटीक आंकड़ा नहीं है. लेकिन पशुधन का काफी बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है.
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Tags: Ashok Gehlot Government, Bureaucracy, Rajasthan news, Rajasthan PoliticsFIRST PUBLISHED : July 26, 2022, 07:09 IST