Solar Eclipse: 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण आज जानें किस राशि के जातक को क्या उपाय करना चाहिए
Solar Eclipse: 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण आज जानें किस राशि के जातक को क्या उपाय करना चाहिए
आम तौर पर सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण को धार्मिक मान्यताओं के लिहाज से अशुभ माना जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण काे एक विशेष खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है. ग्रहण के दौरान सूतक काल पर पंडित-पुरोहितों की खास नजर होती है. गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग और बच्चों को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए
नरेश पारीक
चुरू. आज यानी मंगलवार की शाम 4.29 बजे से लेकर 5.42 बजे तक सूर्य ग्रहण लगेगा. इस खगोलीय घटना को लेकर ज्योतिषविदों की अपनी मान्यताएं हैं. हालांकि, आम तौर पर सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण को धार्मिक मान्यताओं के लिहाज से अशुभ माना जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण काे एक विशेष खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है. ग्रहण के दौरान सूतक काल पर पंडित-पुरोहितों की खास नजर होती है. गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग और बच्चों को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
सूर्य ग्रहण के वैज्ञानिक पक्ष की बात करें तो चंद्रमा जब सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है, तो इसे ग्रहण कहा जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण दिखने पर ही सूतक काल को प्रभावी माना जाता है. इस बार साल का अंतिम सूर्य ग्रहण मंगलवार यानी आज लगने जा रहा है. इस वर्ष का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को लग चुका है.
चंद्रमा जब सूर्य को आंशिक या फिर पूरी तरह ढक देता है और सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती तो आकाश में होने वाली इस विशेष खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. चंद्रमा अगर सूर्य के मध्य भाग को ढकता है, तो सूर्य एक अंगूठी की तरह दिखने लगता है. इसे विज्ञान की भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं.
राशि के अनुसार करें आराधना
ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु दधीच ने बताया कि ग्रहण का पूर्ण फल वृर्षभ राशि और तुला राशि वाले जातकों पर विशेष रहेगा.
राशिफल के अनुसार उपाय
मेष राशि वाले को सूर्य देव की आराधना
वृषभ राशि वाले को भगवान गणेश की आराधना
मिथुन राशि वाले को शुक्र देव की आराधना
कर्क लग्न वाले को मंगल की आराधना
सिंह लग्न वाले को बृहस्पति की आराधना
कन्या राशि वाले को भगवान शनि की आराधना
तुला लग्न वाले को भगवान शनि की आराधना
वृश्चिक राशि वाले को बृहस्पति की आराधना
धनु लग्न वाले को मंगल की आराधना
मकर लग्न वाले को शुक्र की आराधना
कुंभ राशि वाले को भगवान गणेश की आराधना
मीन लग्न वाले को चंद्रमा की आराधना करना लाभदायक होता है
इन बातों का रखें ध्यान
ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु दधीच ने बताया कि चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय संयम रखकर जप-ध्यान और हनुमान जी की आराधना विशेष तौर व अपने इष्ट देव कुलदेवी पित्र संबंधित की आराधना करनी चाहिए. सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक ‘अरुन्तुद’ नरक में वास करता है. उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण में ग्रहण चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्र ग्रहण में तीन प्रहर (9 घंटे) पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए. बुजुर्ग, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं.
1. ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियां डाल दी जाती हैं, वो पदार्थ दूषित नहीं होते. पके हुए अन्न का त्याग कर के उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए.
2. ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देव-पूजन और श्राद्ध तथा अंत में सचैल (वस्त्र सहित) स्नान करना चाहिए. स्त्रियां सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं.
3. ग्रहण के समय गाय को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्र दान से अनेक गुणा पुण्य प्राप्त होते हैं.
4. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए. बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए. ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन- यह सब कार्य वर्जित है.
5. ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए.
6. ग्रहण के समय सोने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र, मल त्यागने से कीड़ा, स्त्री प्रसंग करने से सुअर और उबटन लगाने से व्यक्ति कोढ़ी होता है. गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए.
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Tags: Churu news, Rajasthan news in hindi, Solar eclipseFIRST PUBLISHED : October 25, 2022, 15:15 IST