Diwali 2022: मुरका की मिठास का हर कोई दीवाना जानें क्यों साल में बनती है सिर्फ 20 दिन
Diwali 2022: मुरका की मिठास का हर कोई दीवाना जानें क्यों साल में बनती है सिर्फ 20 दिन
Diwali 2022: भीलवाड़ा जिले की 100 साल पुरानी मिठाई इस वक्त चर्चा में है. अपने लाजवाब स्वाद के लिए पहचान रखने वाली इस मिठाई का लक्ष्मी पूजन में भी विशेष महत्व रहता है. वहीं, यह साल में सिर्फ 20 दिन दिवाली के आसपास ही बनती है.
रिपोर्ट: रवि पायक
भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की एक मिठाई की इस समय चर्चा हो रही है. यह मिठाई साल में एक बार बनती है, लेकिन इसकी मिठास के लिए हर एक व्यक्ति की जुबान लालायित रहती है. यह मिठाई 100 साल पुरानी है, जाकि सिर्फ भीलवाड़ा में बनती और मुरका के नाम से प्रसिद्ध है. यह साल में एक बार दीपावली के पर्व पर ही बनाई जाती है.यही नहीं, इस मिठाई का लक्ष्मी पूजन में भी विशेष महत्व रहता है.
वैसे तो भीलवाड़ा जिले में कई अलग-अलग मिठाई प्रसिद्ध हैं और दूर से दूर लोग इन्हें लेने आते हैं, लेकिन दीपावली पर बनने वाली मुरका मिठाई की मिठास कुछ खास ही है. इसको चखने के लिए हर कोई साल भर इंतजार करता है.
दिवाली के मौके पर 20 दिन बनती है मिठाई
भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर कोटड़ी उपखण्ड में दीपावली पर 20 दिन के लिए ही यह मिठाई बनाई जाती है. यहीं से इस मिठाई की शुरुआत हुई थी, जो दिवाली के दिन माता लक्ष्मी पूजन थाली में रखी जाती है. मान्यता है कि इस मिठाई के बगैर लक्ष्मी पूजन पूरा नहीं होता है. इस मिठाई को उड़द की दाल के साथ शुद्ध देशी घी में बनाया जाता है. इसके स्वाद को लेकर बच्चों से लेकर वृद्धों तक उत्साह देखा जा सकता है. मिठाई की दुकान पर 20 दिनों तक रोजना लोगों की भीड़ आती है.
मुरका मिठाई जलेबी की तरह दिखती है, लेकिन इसका स्वाद एकदम अलग होता है.
100 साल से है जलवा कायम
प्रसिद्ध मिठाई निर्माता अनिल काबरा कहते हैं कि इस मिठाई को सौ साल पहले हमारे दादा-परदादा ने बनाना शुरू किया था. तब से लेकर आज तक हम इस परम्परा को निभाते आ रहे हैं. इसको हम दीपावली के पर्व पर मात्र 20 दिनों के लिए ही बनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इसका स्वाद इन्हीं दिनों में आता है. फिर इसको बनाने का कोई महत्व नहीं रहता है. इसको उड़द की दाल से शुद्ध देशी घी में ही बनाया जाता है.इसकी मांग इन दिनों काफी रहती है और दीपावली पर इसको लेने के लिए लम्बी-लम्बी लाइनें लगती हैं.
कोटड़ी निवासी धर्मेन्द्र गाडरी और श्रवण कुमार सोनी कहते हैं कि यह मिठाई क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जिले में फेमस है. इसको केवल दीपावली पर ही बनाया जाता है जिसके कारण इसका इंतजार हमें पूरे साल करना पड़ता है. मुरका मिठाई जलेबी की तरह ही होती है, लेकिन इसका स्वाद उससे काफी अलग होता है. इस कारण हर कोई इसका दीवाना है और इसका स्वाद लेने के लिए आमजन बढ़ चढ़कर इसको खरीदते हैं. दीपावली पर्व पर हम इसको पूजा की थाल में रखकर माता लक्ष्मी को भोग लगाते है.
सिर्फ भीलवाड़ा के मुरके हैं फेमस
भीलवाड़ा सहित जिले के मांडल, शाहपुरा, कोटड़ी, गुलाबपुरा, हमीरगढ़ कस्बों के गांव-गांव में भी कहते हैं कि दीपावली पर सभी मिठाई खाई और मुरके नहीं खाए तो क्या खाया? यहां के मौसम और जलवायु के चलते यह मिठाई इसी क्षेत्र में ही अपना रूप और स्वाद दे पाती है. उड़द की दाल होने से अन्य इलाकों में इस मिठाई का कुरकुरापन नहीं रह पाता.यही नहीं राजस्थान के अन्य जिलों और पड़ोसी राज्यों में भी यह मिठाई पैक होकर जाती है.
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Tags: Bhilwara news, Diwali, Diwali festival, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : October 24, 2022, 16:35 IST