गोवर्धन परिक्रमा का अहम पड़ाव है पूंछरी का लौठा श्री कृष्ण के सखा के नाम पर पड़ा गांव का नाम

Punchari Ka Lautha: भरतपुर का कुछ भाग भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) की क्रीड़ा स्थली रहा है. इस वजह से इसे ब्रज क्षेत्र में शामिल किया गया है. वहीं, श्री कृष्‍ण के सखा गोवर्धन परिक्रमा करने आए श्रद्धालुओं की हाजिरी लेते हैं. जानें पूंछरी का लौठा की कहानी.

गोवर्धन परिक्रमा का अहम पड़ाव है पूंछरी का लौठा श्री कृष्ण के सखा के नाम पर पड़ा गांव का नाम
रिपोर्ट: ललितेश कुशवाहा भरतपुर. राजस्‍थान के भरतपुर का कुछ भाग भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) की क्रीड़ा स्थली रहा है. इस कारण इस भाग को ब्रज क्षेत्र में शामिल किया गया है. उत्तर प्रदेश क्षेत्र में स्थित 21 किलो मीटर गोवर्धन पर्वत परिक्रमा मार्ग के दौरान राजस्थानमें पड़ने वाले पूंछरी का लौठा स्थल का विशेष महत्‍व है. यह श्री कृष्ण के सखा थे, जो गोवर्धन परिक्रमा करने आए श्रद्धालुओं की हाजिरी लेते हैं. साथ ही इनके दर्शन करने से परिक्रमा पूरी मानी जाती है. गोवर्धन पूजा के दिन आइए जानते हैं पूंछरी का लौठा के बारे में. पूंछरी का लौठा मंदिर के पुजारी स्वामी दास ने बताया कि पूंछरी का लौठा सतयुग में शंकर, त्रेतायुग में हनुमान और द्वापर में इनका नाम मधुमंगल था, जो कि भगवान श्री कृष्ण के बचपन सखा थे. जब श्री कृष्ण लीला समाप्त कर बैकुंड जाने लगे तो उन्होंने अपने सखा पूंछरी का लौठा को गोवर्धन पर्वत की तलहटी में विराजमान किया. साथ ही कहा कि जो भक्त गिर्राज जी की परिक्रमा करे उनकी हाजरी लेनी होगी. उसी समय सखा पूंछरी का लौठा ने कृष्ण भगवान से कहा कि हाजिरी तो मैं ले लूंगा, लेकिन आपको दर्शन देने आना होगा. इसके लिए श्री कृष्ण राजी हो गए. जब गोपियों को इस घटना के बारे में पता चला तो उहोंने भगवान श्री कृष्ण को पूरे ब्रज मंडल में ढूंढा, लेकिन वह कहीं नहीं मिले. इसके बाद उनको श्री कृष्ण के सखा पूंछरी के लौठा के बारे में जानकारी मिली तो उनसे पूछने के लिए आईं. इस दौरान एक सखी दूसरी सखी से बोली तू पूंछरी, तो दूसरी तीसरी से बोली तू पूंछरी. इसके बाद वह यहां से लौट गईं. इस पूछने के कारण इस स्थान का नाम पूंछरी का लौठा पड़ गया. यह है पूंछरी का लौठा का महत्व पूंछरी का लौठा गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थलों में से एक माना गया है. गोवर्धन परिक्रमा मार्ग 21 किलो मीटर है जिसमे़ से साढ़े 19 किलो मीटर उत्तर प्रदेश और डेढ़ किलो मीटर राजस्थान में पड़ता है. यह स्थान अंतहीन भक्ति का एक प्रतीक है, जो भक्त परिक्रमा करते हैं उनको यहां स्थित मंदिर के दर्शन करना अनिवार्य है. ऐसा माना जाता है कि परिक्रमा करने आए भक्तों की यह हाजिरी लेते हैं. साथ ही इनके दर्शन करने से ही परिक्रमा पूरी मानी जाती है. (नोट: यह खबर मान्‍यताओं पर आधारित है, न्‍यूज़18 इसकी पुष्टि नहीं करता. ) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Bharatpur News, Lord krishna, Rajasthan news, UP newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 11:35 IST