कनाडा की अदालत ने इन दो खालिस्तानी आतंकियों की नो फ्लाई लिस्ट" से बाहर करने की याचिका की खारिज
कनाडा की अदालत ने इन दो खालिस्तानी आतंकियों की नो फ्लाई लिस्ट" से बाहर करने की याचिका की खारिज
कनाडा की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्राम्पटन ओंटारियो के भगत सिंह बराड़ और वेंकूवर, बीसी के परवकर सिंह दुलाई को 2018 में नो-फ्लाई लिस्ट में रखा गया था.
हाइलाइट्सभगत सिंह बराड़ और परवकर सिंह दुलाई को 2018 में नो-फ्लाई लिस्ट में रखा गया था.कनाडा की जासूसी एजेंसी ने दोनों आतंकवादियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं.कोर्ट ने आतंकाविदयों की याचिका को खारिज कर दिया.
(एस सिंह)
चंडीगढ़. कनाडा की अदालत ने दो खालिस्तानी आतंकवादियों की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने अपना नाम “नो फ्लाई लिस्ट” से हटाने की अपील की थी. अदालत ने दोनों खालिस्तानी आतंकवादियों को देश की नो-फ्लाई लिस्ट में रखने की संवैधानिकता को बरकरार रखा है. कनाडा सरकार ने “नो फ्लाई लिस्ट” को संदिग्ध आतंकवादियों को हवाई जहाज में चढ़ने से रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है. कनाडा की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्राम्पटन ओंटारियो के भगत सिंह बराड़ और वेंकूवर, बीसी के परवकर सिंह दुलाई को 2018 में नो-फ्लाई लिस्ट में रखा गया था. दोनों ने सिक्योर एयर ट्रैवल एक्ट के तहत नो-फ्लाई लिस्ट को चुनौती दी थी, जिसके तहत 2015 से यह सूची चल रही है.
अप्रैल 2018 में बराड़ को गुप्त रूप से सूची में रखा गया था. कनाडा के अधिकारियों ने यह निर्णय वैंकूवर से टोरंटो लौटने के लिए एक विमान में चढ़ने की कोशिश करने से एक दिन पहले लिया था. इसके बाद बराड़ ने पदनाम के बारे में शिकायत की और यहां तक कि अप्रैल 2019 में फेडरल कोर्ट में अपील की थी. इसी तरह बराड़ के बिजनेस पार्टनर दुलाई को मार्च 2018 में सूची में रखा गया था. कनाड़ा के नेशनल पोस्ट अखबार के मुताबिक बराड कथित तौर पर लखबीर बराड़ का बेटा है, जो नामित आतंकवादी समूह इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का नेता है. दूसरा खालिस्तान के कट्टर समर्थक दुलाई के बारे में कहा जाता है कि उसने 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट में शामिल एक व्यक्ति के लिए श्रद्धांजलि परेड आयोजित की थी. इस विमान विस्फोट में 329 लोग मारे गए थे.
बराड़ और दुलाई दोनों को अदालती दस्तावेजों में आतंकवादी-संबंधित गतिविधियों के सूत्रधार होने का संदेह है और कनाडा की जासूसी एजेंसी ने उनके खिलाफ आरोप तय किए हैं. कनाडाई दैनिक के अनुसार दोनों पुरुषों ने सूची की संवैधानिकता को चुनौती दी थी और सवाल किया था कि इसे कैसे लागू किया गया. हालांकि सरकार ने तर्क दिया कि कानून सही है और दोनों को सूची में रखना चाहिए.
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Tags: Canada, Khalistani TerroristsFIRST PUBLISHED : August 16, 2022, 16:19 IST