चीन-पाकिस्तान खबरदार आ रहा है समंदर का नया सिकंदर वगशीर हर वार होगा असरदार
चीन-पाकिस्तान खबरदार आ रहा है समंदर का नया सिकंदर वगशीर हर वार होगा असरदार
Indian navy submarine: कारगिल युद्ध के बाद से ही अलगे तीस साल के लिए सबमरीन बिल्डिंग प्लान पर काम तेजी से शुरू हुआ. और वो लगातार जारी है. सबमरीन पानी में छिपकर सप्राइज अटैक करने में माहिर है. उसका हर वार असरदार होता है.
INDIAN NAVY: चीन ने अपनी नौसेना में एयरक्राफ़्ट कैरियर की झड़ी लगा दी. तीन कैरियर उसके समुद्र में मौजूद हैं. 6 का उसका टार्गेट है. आने वाले दिनों में वह इंडियन ओसियन रीजन में भी दिखाई दे सकते हैं. हालांकि, भारत अब मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है. इंडियन नेवी अपने बेड़े में एयरक्राफ्ट कैरियर किलर कहे जाने वाले सबमरीन की तादात को भी तेजी से बढ़ा रहा है. उसी कड़ी में जनवरी 2025 में भारतीय नौसेना के बेड़े में नई सबमरीन शामिल हो जाएगी. इसका नाम है वगशीर. वगशीर का नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली सैंड फिश के नाम पर है, जो कि डीप सी प्रिडियेटर के नाम से भी जानी जाती है.
क्यों खास है ये वगशीर ?
प्रोजेक्ट 75 के तहत वगशीर स्कॉर्पीन क्लास की छठी और आखिरी सबमरीन है. स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन एक डीजल इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन है. यह आधुनिक फीचर्स से लैस है. ये आकार में 221 फिट लंबी और उचांई 40 फिट है. इसकी रफ्तार पानी के अंदर 35 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है तो पानी सतह पर इसकी रफ्तार 20 किलोमीटर प्रति घंटे के करीब है. दुश्मन की नजरों से बचकर टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से दुश्मन पर सटीक हमला कर सकती है. तो दुश्मन के टार्पीडों से बचने के लिए ये एंटी टॉर्पीडो काउंटरमेजर सिस्टम से लैस है. एक साथ ये 18 टॉरपीडों या एंटी शिप मिसाइल या 30 से ज्यादा माइन से लेस किया जा सकता है. आज की ये अत्याधुनिक सबमरीन हर तरह के ऐंटी सरफेस और ऐंटी सबमरीन ऑपरेशन को अंजाम देने में माहिर है. इससे खुफिया सूचनाएं जुटाना, माइन बिछाना, इलाके की निगरानी करना जैसे कई मिशनों को अंजाम दिया जा सकता है.
क्या है प्रोजेक्ट 75 ?
भारत ने फ्रांस के नवल ग्रुप के साथ साल 2005 में प्रोजेक्ट 75 के तहत 6 सेकॉर्पीन सबमरीन का करार किया था. टैकनॉलॉजी ट्रांसफ़र के तरह मझगांव डॉक लिमिटेड शिपबिल्डर्स लिमिटेड को 6 सबमरीन के निर्माण का ज़िम्मा मिला. अब तक इस करार के तहत 6 में से 5 सबमरीन को भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है. स्कॉर्पीन क्लास की पहली सबमरीन कलवरी दिसंबर 2017 में भारतीय नौसेना में शामिल हुई इसके बाद सितंबर 2019 में खंडेरी, मार्च 2021 मे करंज , नवंबर 2021 में वेला और जनवरी 2023 में इस क्लास की वगीर सबमरीन नौसेना में शामिल की गई और आखिरी जनवरी 2025 में शामिल हो जाएगी.
नौसेना का हंटर किलर प्लान
दुनिया में तीन तरह की सबमरीन है. एक डीज़ल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन, डीज़ल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन AIP और न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन. भारत के पास डीज़ल इलेक्ट्रिक AIP अटैक सबमरीन को छोडकर सभी तरह की सबमरीन मौजूद है. प्रोजेक्ट-75 इंडिया प्रोजेक्ट के तहत भारतीय नौसेना को 6 डीज़ल इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन AIP भी शामिल होगी. AIP यानी एयर इंडिपेंडेंट प्रपल्शन इस तकनीक में सबमरीन लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है. फिलहाल भारत के पास दो बैलेस्टिक मिसाईल न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन है, दो न्यूक्लियर अटैक सबमरीन (SSN) के निर्माण की भी मंजूरी मिल गई है. प्रोजेक्ट 75 के तहत भारत को 3 नई स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है. भारतीय नौसेना के मौजूदा बेडे में शामिल 16 कनवेशनल सबमरीन में से 7 रशियन किलो क्लास , 4 HWD जर्मन और 5 फ़्रैंच स्कॉरपीन क्लास सबमरीन है. नौसेना के प्लान के मुताबिक आने वाले दिनों में भारत के पास हर तरह की सबमरीन शामिल होगी जो कि ब्लू सी में चीन और पाकिस्तान के वॉरशिप के लिए डर की वजह होगी.
Tags: India NavyFIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 11:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed