प्रयागराज के नाविकों की क्यों बढ़ गई है परेशानी जानें वजह

रामू निषाद बताते हैं कि जिस तरह सूखा पड़ने पर किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है, वैसे हीं नाविकों के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. इस एक महीने में आमदनी का कोई स्रोत नहीं बचता है. सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि संगम पर जब भी बाढ़ आए तो यहां के नविकों को गुजारा भत्ता देना चाहिए. नाविकों ने नाव का किराया भी बढ़ाने की मांग की है.

प्रयागराज के नाविकों की क्यों बढ़ गई है परेशानी जानें वजह
प्रयागराज. यूपी के प्रयागराज में प्रत्येक दिन हजारों श्रद्धालु गंगा-यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थलीय यानी संगम पर डुबकी लगाने आते हैं. आस्था की नगरी प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ तन मन को पवित्र करने संगम आते हैं. इन्हीं के बदौलत संगम पर नाव चलाने वाले हजारों नाविकों  रोजी-रोटी चलती है. लेकिन, पिछले एक महीने से गंगा-यमुना का जलस्तर पीछे नहीं हटने से इन नविकों पर आर्थिक मुसीबत बनी हुई है. बाढ़ के कारण नाविकों की स्थिति हुई खराब  सितंबर माह में ही प्रयागराज में दोबारा गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से संगम एवं आस-पास के इलाके डूब गए हैं. पिछले 24 घंटे में ही गंगा-यमुना के जलस्तर में सवा मीटर की वृद्धि देखने को मिली. इससे संगम पर नाव चलाने वाले नाविकों को राहत मिली थी, लेकिन फिर से उनकी स्थिति खराब होने लगी है. बाढ़ आ जाने से नाविकों को मन मुताबिक यात्री नहीं मिल पा रहे हैं. आस्था की नगरी प्रयागराज संगम पर हजारों नाविक श्रद्धालुओं को मुख्य संगम पर ले जाकर स्नान कराने का काम करते हैं, लेकिन जब से संगम पर जलस्तर की वृद्धि हुई है, इन नाविकों की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी है. संगम पर नाव चलाने वाले रामू निषाद बताते हैं कि नाव चला कर ही  परिवार का पेट पालते हैं, लेकिन बाढ़ आ जाने से संगम पर स्नान करने वाले लोग गंगा के किनारे ही डुबकी लगाकर वापस चले जाते हैं. नाविकों ने सरकार से गुजारा भत्ता देने की उठाई मांग रामू निषाद बताते हैं कि जिस तरह सूखा पड़ने पर किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है, वैसे हीं नाविकों के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए.  इस एक महीने में आमदनी का कोई स्रोत नहीं बचता है. सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि संगम पर जब भी बाढ़ आए तो यहां के नविकों को गुजारा भत्ता देना चाहिए. उन्होंने बताया कि पिछले 6 वर्षों से नाव के किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. 60 रूपए प्रति सवारी ही अभी तक रेट बना हुआ है. सरकार को इसमें भी वृद्धि करनी चाहिए. मंगाई बढ़ने से आमदनी पर भी असर पड़ता है, लेकिन हमारी कमाई पिछले 6 साल से फिक्स है. बता दें कि प्रयागराज संगम पर स्नान करने के लिए पूरे देश-विदेश के लोग आते हैं. वहीं 2025 में लगने वाले महाकुंभ में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. इसको लेकर तैयारी चल रही है. Tags: Local18, Prayagraj News, Prayagraj Sangam, UP floodsFIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 11:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed