AIADMK Crisis: पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी में बढ़ रहे टकराव की वजह कहीं बीजेपी तो नहीं

AIADMK आज 23 प्रस्तावों को पारित करने के लिए तैयार है, और यह साफ लग रहा है कि ई. पलानीस्वामी किसी न किसी रूप में पार्टी के निर्विवाद नेता के रूप में उभरेंगे.

AIADMK Crisis: पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी में बढ़ रहे टकराव की वजह कहीं बीजेपी तो नहीं
चेन्नई. तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी और राज्य में सत्ताधारी द्रमुक को टक्कर देने वाली ताकत अन्नाद्रमुक (AIADMK) एक आंतरिक सत्ता संघर्ष की चपेट में है. पार्टी में सिंगल लीडरशिप की अपील के साथ मामला अब खुले मैदान में आ गया है. पिछले हफ्ते प्रमुख पदाधिकारियों की एक बैठक के बाद पार्टी के लिए ‘सिंगल लीडरशिप’ की मांग करने वाली कुछ आवाजें उठी हैं. इसके बाद से पार्टी की कलह सार्वजनिक हो गई. सिंगल लीडरशिप की मांग पहले एडप्पादी के पलानीस्वामी के वफादारों ने की थी और इसके बाद ओ पनीरसेल्वम के वफादारों ने सामूहिक नेतृत्व के लिए पोस्टर लगाकर दावा किया कि ओ पनीरसेल्वम को दिवंगत अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे. जयललिता ने नेता चुना था. news18.com की एक खबर के मुताबिक इसके बावजूद आंकड़े ओ पनीरसेल्वम के खिलाफ हैं. ओ पनीरसेल्वम के लिए बगावत कोई नई बात नहीं है. उन्होंने फरवरी 2017 में वीके शशिकला के परिवार में पार्टी की बागडोर जाने के खिलाफ विद्रोह किया था. अब फिलहाल ओ पनीरसेल्वम का साथ देने वाले कम ही बचे हैं. उनके कई पूर्व वफादारों ने एडप्पादी पलानीस्वामी से जाकर मुलाकात की और उनके नेतृत्व को समर्थन दिया है. सांसदों और जमीनी समर्थकों के कम होने के बाद ओ पनीरसेल्वम ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक को रोकने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया. जिसमें एडप्पादी के पलानीस्वामी को पार्टी का नंबर एक नेता चुनने की संभावना जाहिर की गई थी. हालांकि मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को बैठक को रोकने से इनकार कर दिया. लेकिन पनीरसेल्वम को कुछ राहत देते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सामान्य परिषद की बैठक गुरुवार को हो सकती है. लेकिन 23 मसौदा प्रस्तावों को ही पारित किया जा सकता है. अन्य प्रस्तावों (एकल नेतृत्व) पर चर्चा की जा सकती है लेकिन पारित नहीं किया जा सकता है. तमिलनाडु राजनीति: शशिकला से मिलने की सजा, AIADMK से निकाले गए पनीरसेल्वम के भाई समस्या की जड़ हालांकि यह साफ है कि पनीरसेल्वम की ताकत घट रही है. तो ये सवाल अभी भी बना हुआ है कि अब एकल नेतृत्व का मुद्दा क्यों जोर पकड़ रहा है? पार्टी के अंदरूनी सूत्र इसके दो कारण मानते हैं. पहला राज्य में भाजपा एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभर रही है. जबकि विपक्ष में किसी पार्टी के लिए दो शक्ति केंद्र होना अपने आप में खतरे की घंटी है. वैसे भी दोनों नेताओं के बीच पिछले कुछ समय से अहं की जंग चल रही है. जबकि वीके शशिकला, जिन्होंने बार-बार कहा है कि वह अन्नाद्रमुक की असली उत्तराधिकारी हैं, इस पूरी घटना पर नजर रखे हुए हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Aiadmk, BJP, Tamil naduFIRST PUBLISHED : June 23, 2022, 11:13 IST