नई दिल्ली. अग्निपथ योजना से सैन्यीकरण को बढ़ावा मिलने की चिंताओं को खारिज करते हुए सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि ऐसा सोचना बिल्कुल भी सही नहीं होगा. दरअसल, न्यूज18 से विशेष बातचीत में सेना प्रमुख से पूछा गया था कि कुछ पूर्व सैन्य अधिकारी मानते हैं कि चार साल बाद अग्निवीरों के लौटने से “समाज का सैन्यीकरण” होगा, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह बेहद ही सख्त नजरिया है और मैं इससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं.
उन्होंने कहा, “वर्तमान में भी हमारे पास लगभग एक लाख सैनिक हैं जो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) से सेवानिवृत होने के बाद समाज में वापस आते हैं. सभी ने राष्ट्र निर्माण में रचनात्मक योगदान दिया है. इतना ही नहीं, आप जीवन के बारे में जिस भी तरह से सोच सकते हैं, वहां उन्होंने खुद को साबित किया है. इसलिए मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि ‘समाज में सैन्यीकरण’ जैसी कठोर सोच को बढ़ावा मिलेगा, जहां हमें विश्वास है कि युवा अग्निपथ के अंतर्गत चार साल के प्रशिक्षण के दौरान बलिदान, प्रतिबद्धता और सैन्य मूल्य जैसे आदर्शों को अपने जीवन में उतारेंगे.”
सेना प्रमुख ने आगे कहा, “हमें विश्वास है कि यह युवा जो चार साल के बाद सेना से बाहर जाएगा वह समाज, सेना और रक्षा बलों के बीच एक सेतु का काम करेगा. उन अग्निवीरों का व्यक्तित्व सबसे खास होगा और वे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते रहेंगे. वे समाज के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे, ना कि इससे समाज में सैन्यीकरण को बढ़ावा मिलेगा.”
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Tags: Agnipath scheme, Agniveer, Indian armyFIRST PUBLISHED : June 21, 2022, 18:52 IST