नोएडा की जमीन पर होगी विदेशी हवाई जहाजों की मरम्मत जानें क्या है प्लान
नोएडा की जमीन पर होगी विदेशी हवाई जहाजों की मरम्मत जानें क्या है प्लान
यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि अभी तक एयर लाइंस के भारतीय हवाई जहाजों (Air Craft) को मेंटीनेंस और रिपेयरिंग के लिए श्रीलंका, यूरोप और सिंगापुर जाना पड़ता है. जहां वक्त ज्यादा लगने के साथ ही खर्चा भी बहुत होता है. लेकिन अब जल्द ही जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) पर एमआरओ का हब बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए एयरपोर्ट पर अलग से एक रनवे भी बनाया जाएगा. यह देश का सबसे बड़ा एमआरओ (MRO) का हब होगा. जबकि दो छोटे एमआरओ बेंगलूरु और हैदराबाद में हैं.
नोएडा. अभी तक एयर लाइंस के भारतीय हवाई जहाजों (Air Craft) को मरम्मत के लिए विदेशों की उड़ान भरनी पड़ती है. जहाजों की छोटी-मोटी खराबी तो बेंगलूरु और हैदराबाद में सही हो जाती है, लेकिन बड़ी मरम्मत का खर्चा हजारों डालर में आता है. इसी के चलते जेवर में मेंटीनेंस रिपोयरिंग एंड ओवर हॉलिंग (MRO) हब बनाने की तैयारी चल रही है. खास बात यह है कि दो दिन पहले ही एमआरओ के लिए जमीन खरीद में होने वाले खर्च के लिए यूपी सरकार (UP Government) ने पैसा जारी करने की मंजूरी दे दी है. इसके लिए 1365 हेक्टेयर जमीन की खरीद होनी है. जिस पर करीब 2890 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह जानकारी यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने दी है.
8 हजार करोड़ की लागत से बनेगा एमआरओ हब
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सेक्टर-10 में 1365 हेक्टेयर में हवाई जहाज के कल-पुर्जें बनाने वाली कंपनियों को जमीन का आवंटन किया जाएगा. इसके तहत 1365 हेक्टेयर जमीन पर एमआरओ बनेगा जानकारों की मानें तो इसकी लागत करीब 8 हजार करोड़ रुपये आएगी. एमआरओ के तहत हवाई जहाज की मरम्मत और पुर्जे बनाने के लिए भारत आने में विदेशों की 9 कंपनियों ने ख्वाहिश जाहिर की है.
जिसमे जीई डिजिटल, हनीवेल, एलथ्रीहैरिस, लॉजिस्टिक प्लस, रेथियोन, स्मिथ्स डिटेक्शन, व्यूसी आईप्राइम और वाल्टर पी मोर जैसी कंपनियां शामिल हैं. यह कंपनियां भारत आकर अपना प्रेजेंटेशन दे चुकी हैं. कंपनियों को जमीन देने का काम यमुना अथॉरिटी करेगी. इसके साथ ही यहां एयरो स्पेस इंजीनियरिंग भी शुरू की जाएगी.
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2024 में उड़ान भरेगा पहला विमान
जानकारों की मानें तो 2024 तक जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के रनवे अपना काम शुरु कर देंगे. जेवर एयरपोर्ट से पहला विमान 2024 में उड़ान भरेगा. ज्यूरिख कंपनी एयरपोर्ट का निर्माण करेगी. कंपनी को अभी नोएडा एयरपोर्ट का मास्टर प्लान सबमिट करना है. उस पर अनुमति के बाद इसका निर्माण शुरू हो जाएगा. एक रनेवे के साथ 2024 में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है.
जेवर एयरपोर्ट के लिए ऐसी होगी रोड कनेक्टिविटी
किसी भी शहर और दिशा से जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखा गया है. यमुना एक्सप्रेसवे से एलिवेटेड सड़क सीधे एयरपोर्ट तक जाएगी. बल्लभगढ़ से बाईपास बनाकर दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे को जोड़ा जाएगा. गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. इसी तरह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को भी यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़कर वाहनों को जेवर एयरपोर्ट का रास्ता दिया जाएगा. वेस्ट यूपी के शहरों को सीधे एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की मदद लेकर बुलंदशहर से एक नई सड़क तैयार की जाएगी. दिल्ली वालों की सहुलियत के लिए मयूर विहार से माहामाया फ्लाई ओवर तक एलिवेटेड रोड तैयार हो रहा है.
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Tags: Aeroplane, Jewar airport, Yamuna AuthorityFIRST PUBLISHED : June 30, 2022, 11:24 IST