इस नामी दवा कंपनी ने 30 डॉक्टरों को करवाई विदेश की सैर अब मजा चखेंगे डॉक्टर औ
इस नामी दवा कंपनी ने 30 डॉक्टरों को करवाई विदेश की सैर अब मजा चखेंगे डॉक्टर औ
Action Against AbbVie: अमेरिकी दवा कंपनी ऐब्वी हेल्थकेयर के खिलाफ सरकार बड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है. इसके जद में वे 30 डॉक्टर भी आ सकते हैं जो कंपनी के खर्चे पर विदेश सैर करने गए थे.
हाइलाइट्स कंपनी को यूनिफॉर्म कोड फॉर फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज (UCPMP-2024) के उल्लंघन का दोषी पाया गया है. ऐब्वी हेल्थकेयर इंडिया पर आरोप है कि उसने 30 डॉक्टरों को मोनाको और पेरिस की यात्राओं पर भेजा. सरकार का कहना है कि सेल्फ डिक्लेरेशन देने वाले अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी
अमेरिकी दवा कंपनी ऐब्वी हेल्थकेयर (AbbVie) की भारतीय शाखा अब और मुसीबत में फंस सकती है. सरकार कंपनी के उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रही है, जिसने यह सेल्फ डिक्लेरेशन दिया था कि वह नियमों का पालन करेंगे. इस कंपनी ने यूनिफॉर्म कोड फॉर फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज (UCPMP-2024) के नियमों का उल्लंघन करते हुए 30 डॉक्टरों को विदेश की यात्राएं करवा रही थी. UCPMP-2024 के अनुसार हर वित्तीय वर्ष के अंत के दो महीने के भीतर कंपनी के एमडी या सीईओ जैसे प्रमुख अधिकारी को सेल्फ डिक्लेरेशन देना होता है. अगर सरकार यह कदम उठाती है, तो यह UCPMP-2024 के तहत पहली बार होगा जब किसी कंपनी के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
यह मामला भारतीय दवा उद्योग में चिंता का कारण बना हुआ है. बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सेल्फ डिक्लेरेशन देने वाले अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस कार्रवाई का स्वरूप क्या होगा. इसके अलावा, यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो जिन डॉक्टरों ने इन यात्रा कार्यक्रमों में भाग लिया है, उन्हें अपनी चिकित्सा प्रैक्टिस करने की अनुमति भी छीन ली जा सकती है.
पेरिस यात्रा पर गए डॉक्टर
ऐब्वी हेल्थकेयर इंडिया पर आरोप है कि उसने 30 डॉक्टरों को मोनाको और पेरिस की यात्राओं पर भेजा, ताकि वे बोटॉक्स और जुवेडर्म जैसे एंटी-एजिंग उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें. इनमें से 24 डॉक्टर पेरिस गए और 6 डॉक्टर मोनाको गए. भारत सरकार के औषधि विभाग ने इस मामले में टैक्स अधिकारियों से कंपनी और डॉक्टरों की देनदारी का मूल्यांकन करने को कहा है. इसके अलावा नेशनल मेडिकल कमिशन से भी डॉक्टरों के खिलाफ पेशेवर कदाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने को कहा गया है.
फिलहाल, ऐलर्जीजन एस्थेटिक्स, जो ऐब्वी हेल्थकेयर का एक हिस्सा है, ने इस मामले पर निराशा जताई है और कहा है कि हमें औषधि विभाग के फैसले पर अफसोस है. इस मामले में ऐब्वी इंडिया के वर्तमान प्रबंध निदेशक (MD) और जनरल मैनेजर सुरेश पटथिल पर भी सवाल उठ रहे हैं. डॉक्टरों के लिए भी ये मामले गंभीर हो सकते हैं. एनएमसी की ओर से कहा गया है कि डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. एनएमसी के अनुसार यदि डॉक्टरों पर कदाचार के आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें भारतीय मेडिकल रजिस्टर से तीन महीने से लेकर एक साल तक के लिए हटा दिया जा सकता है, या फिर अन्य कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. फार्मा उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ऐब्वी कंपनी ने औषधि विभाग के अधिकारियों द्वारा उल्लंघन की राशि का अनुमान लगाने के बाद किसी प्रकार की मुआवजा देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. यह राशि करीब 1.9 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जो डॉक्टरों की यात्रा और आवास पर खर्च की गई थी.
Tags: Generic medicinesFIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 07:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed