सिंघवी पहुंचें EC के दफ्तर उठाए 2 मसले कहा- 2019 में इतनी वृद्धि नहीं देखी
सिंघवी पहुंचें EC के दफ्तर उठाए 2 मसले कहा- 2019 में इतनी वृद्धि नहीं देखी
Abhishek Manu Singhvi News:कांग्रेस की तरफ से चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे वकील और नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इंडिया गठबंधन की तरफ से दो मसले उठाए. पहला यह की वोटर टर्न आउट के प्रकाशन में 11 दिन का विलंब नहीं हो सकता है. दूसरा वोटर टर्न आउट का फर्क शुरुआती और अंतिम प्रकाशन में बहुत अधिक है. उन्होंने कहा कि 2019 में इतनी वृद्धि नहीं देखी गई.
नई दिल्ली: मतदान के आंकड़ों पर विपक्षी दलों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के बीच शुक्रवार को इंडी गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की. यह बैठक चुनाव आयोग द्वारा पहले दो चरणों में जारी किए गए मतदान के आंकड़ों के साथ-साथ चल रहे लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के मुद्दे पर हुई.
कांग्रेस की तरफ से चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे वकील और नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इंडिया गठबंधन की तरफ से दो मसले उठाए. पहला यह की वोटर टर्न आउट के प्रकाशन में 11 दिन का विलंब नहीं हो सकता है. दूसरा वोटर टर्न आउट का फर्क शुरुआती और अंतिम प्रकाशन में बहुत अधिक है. उन्होंने कहा कि 2019 में इतनी वृद्धि नहीं देखी गई. कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमें बताया कि उसमें संशोधन की जरूरत है.
वहीं मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा जारी मतदान के आंकड़ों में कथित ‘विसंगतियों’ के मुद्दे पर विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखा था. इसके बाद विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से संपर्क करने का फैसला किया. हालांकि, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इंडी गठबंधन के साथी नेताओं को लिखे खड़गे के पत्र का जवाब दिया, जिसे एक्स पर भी पोस्ट किया गया था और उनके आरोपों को खारिज कर दिया कि उसने लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए अंतिम मतदाता संख्या जारी करने में देरी की है.
चुनाव आयोग ने कड़े शब्दों में लिखे पत्र में कहा कि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के अध्यक्ष के बयान चुनावी कदमों और प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर हमला कर रहे हैं और इससे मतदाताओं की भागीदारी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा उठाई गई चिंताओं का बचाव करते हुए जवाब दिया. कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा भारतीय दलों को लिखे पत्र में उठाए गए मुद्दों पर भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की प्रतिक्रिया वर्णन से परे है. चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जिसे निष्पक्ष निकाय होने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है और सुनिश्चित करता हुआ दिखता है.
जयराम रमेश ने चुनाव आयोग के साथ बैठक से ठीक पहले एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पत्र की विषय-वस्तु और उद्देश्य दोनों ही एक संस्था की प्रतिष्ठा पर एक स्थायी धब्बा होंगे, जो सुकुमार सेन, टीएन शेषन, जेएम लिंगदोह और अन्य जैसे दिग्गजों का दावा कर सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘पूरी तरह से वैध मुद्दे’ उठाए हैं, जिन पर व्यापक चिंताएं और टिप्पणियां हुई हैं.
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए चुनाव आयोग का दृष्टिकोण ‘बेहद खेदजनक’ है. विपक्ष के आरोपों के बीच, चुनाव निकाय ने जोर देकर कहा कि मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद उम्मीदवारों के पास ‘मतदान की वास्तविक संख्या’ का बूथ-वार डेटा उपलब्ध होता है.
पिछले सप्ताह जारी एक बयान में चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि वह मतदान के प्रत्येक चरण के बाद मतदाता मतदान के आंकड़ों को समय पर जारी करने को ‘उचित महत्व’ देता है और कहा कि न केवल निर्वाचन क्षेत्र, बल्कि बूथवार वास्तविक मतों की संख्या का डेटा उम्मीदवारों के पास उपलब्ध है, जो एक वैधानिक आवश्यकता है.
Tags: Abhishek Manu Singhvi, Election commissionFIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 19:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed