2 बार शिलान्यास 2 साल से प्रिंसिपल भी तैनात लेकिन 5 साल से नहीं दिखी मेडिकल कॉलेज की एक भी ईंट

पिथौरागढ़ में 455 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए 76 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं, दो साल से प्राचार्य भी तैनात हैं लेकिन अभी तक कॉलेज का निर्माण तक शुरू नहीं हो सका है.

2 बार शिलान्यास 2 साल से प्रिंसिपल भी तैनात लेकिन 5 साल से नहीं दिखी मेडिकल कॉलेज की एक भी ईंट
पिथौरागढ़. जिले में मेडिकल कॉलेज का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास दो बार हो गया लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी मेडिकल कॉलेज का एक भी पत्‍थर अभी तक नजर नहीं आया है. हालात ये हैं कि कॉलेज बनाने के लिए 76 करोड़ रुपये की धनराशि भी दी जा चुकी है और दो साल से यहां पर प्राचार्य भी तैनात हैं लेकिन बाकि सब कुछ हवा हवाई ही नजर आ रहा है. उल्लेखनीय है कि बेहतर हेल्थ सर्विस के लिए पिथौरागढ़ दशकों से कराह रहा है. बेस अस्पताल बनने और मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास के बाद कुछ उम्मीदें जगी थी. लेकिन अब ये भी दम तोड़ती दिखाई दे रही हैं. बेस अस्पताल बनने के बाद भी शुरू नही हो पा रहा है, जबकि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए सबकुछ होने के बाद भी एक ईंट नही लग पाई है. कहने को तो पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का 2017 में सीएम हरीश रावत और इसी साल पीएम नरेन्द्र मोदी शिलान्यास कर चुके हैं. वहीं स्थानीय विधायक मयूख महर का आरोप है कि डबल इंजन की सरकार इस मुद्दे को लेकर राजनीति भले ही कर रही हो, लेकिन वो मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर गंभीर कतई नही हैं. गौरतलब है कि चंडाक की करीब 25 एकड़ जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनना है. इसके लिए कुल 455 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं. स्वीकृत धनराशि से 76 करोड़ रुपये सीएमओ को जारी भी हो गए हैं. यही नहीं 2 साल पहले ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य़ की तैनाती भी की जा चुकी है. फिर भी नतीजा अभी तक सिफर ही रहा है. विभाग की मानें तो दो बार मेडिकल कॉलेज का टेंडर तकनीकी कारणों से निरस्त हो चुका है. लेकिन थर्ड टाइम टेंडर को मंजूरी मिल जाएगी. उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक अमित श्रीवास्तव का कहना है कि दो बार सिर्फ एक ही फर्म ने टेंडर डाला था. जिस कारण टेंडर को निरस्त करना पड़ा था. लेकिन अब तीसरी बार अगर सिंगल फर्म भी होगी तो टेंडर स्वीकृत माना जाएगा. पहाड़ों में हेल्थ सिस्टम की खस्ताहाली किसी से छिपी नही है. ऐसे में अगर समय रहते मेडिकल संस्थान शुरू हो जाते हैं तो लाखों की आबादी को सीधा फायदा पहुंचता. यही नहीं पहाड़ों से हो रहे पलायन पर लगाम भी कुछ हद तक लगती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: State Medical College, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : July 01, 2022, 17:48 IST