पंजाब में किसानों को मिलेगा इनाम जानें इस साल खेतों में कितनी कम जली पराली
पंजाब में किसानों को मिलेगा इनाम जानें इस साल खेतों में कितनी कम जली पराली
इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से जारी पराली को आग लगाने की घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि इस साल 15 सितंबर 2022 से 19 अक्टूबर 2022 तक 2625 मामले सामने आए हैं. जबकि पिछले साल के आंकड़े देखें तो साल 2021 में पंजाब में 19 अक्टूबर तक इस साल से करीब 3 गुना ज्यादा यानि 8509 जगहों पर पराली को आग लगाई गई थी.
चंडीगढ़. हर साल दिल्ली सहित कई राज्यों में प्रदूषण के लिए सिरदर्द बनने वाली धान की पराली को आग लगाने की घटनाओं में इस बार कमी आई है. इतना ही नहीं पंजाब सरकार ने पराली को आग न लगाने वाले किसानों को सम्मानित करने का भी फैसला लिया है. हाल ही में पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ ने राज्य के उच्च अधिकारियों को सभी जिलों के दौरे करने के लिए कहा है जिससे पराली को आग लगाने की घटनाओं की जमीनी स्थिति का जायजा लिया जा सके.
उन्होंने कहा कि खेतों में धान की पराली को आग लगाने की घटनाओं के कारण राष्ट्रीय स्तर पर पंजाब को बदनामी का सामना करना पड़ता है और इन घटनाओं को लेकर सुप्रीट कोर्ट, राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी कई बार सख्त टिप्पणियां की हैं.
इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से जारी पराली को आग लगाने की घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि इस साल 15 सितंबर 2022 से 19 अक्टूबर 2022 तक 2625 मामले सामने आए हैं. जबकि पिछले साल के आंकड़े देखें तो साल 2021 में पंजाब में 19 अक्टूबर तक इस साल से करीब 3 गुना ज्यादा यानि 8509 जगहों पर पराली को आग लगाई गई थी. ऐसे में साफ है कि इस बार पराली जलाने की घटनाओं में 3 गुना कमी आई है.
जंजूआ ने आगे कहा कि पराली को आग लगाने की घटनाओं की जमीनी स्थिति की समीक्षा करनी बहुत जरूरी है इसलिए जिन सीनियर आईएएस अफसरों को जिला इंचार्ज लगाया गया है वे सम्बन्धित जिलों के दौरे जरूर करें. बता दें कि पंजाब सरकार ने राज्य के 23 जिलों के 23 सीनियर आईएएस अधिकारियों को जिला इंचार्ज लगाया हुआ है जो अपने-अपने जिले में फसलों की खरीद प्रक्रिया और भलाई स्कीमों को लागू करने की निगरानी करते हैं.
मुख्य सचिव ने पराली और अवशेष जलाने की दर को और कम करने और पराली प्रबंधन के लिए पंजाब के उच्च अधिकारियों और सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ की समीक्षा मीटिंग के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य की सारी मशीनरी इसकी कोशिश कर रही है कि इस साल पराली जलाने की घटनाओं में बहुत ज्यादा कमी लाई जाये. उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए कि जो किसान पराली नहीं जलाते उनका जिला स्तर पर विशेष सम्मान किया जाये जिससे और किसान भी उनसे प्रेरणा ले सकें.
मुख्य सचिव ने हर जिले की अलग-अलग पराली प्रबंधन को लेकर रिपोर्ट ली और बहुत से सुझाव, निर्देश और हिदायतें भी दीं साथ ही गांव स्तर पर किसानों को पराली को लेकर जागरुक करने के लिए कहा. हालांकि इस बार आंकड़ों में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी देखने को मिल रही है.
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Tags: Bhagwant Mann, Farmer, Kisan, Punjab newsFIRST PUBLISHED : October 19, 2022, 19:11 IST