4 मिनट 8 पेज और CM अरविंद केजरीवाल को मिल गई अंतरिम जमानत

Arvind Kejriwal Bail Verdict: तमाम कानूनी दाव-पेच के बाद दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई. केंद्रीय जांच एजेंसी ED की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे.

4 मिनट 8 पेज और CM अरविंद केजरीवाल को मिल गई अंतरिम जमानत
नई दिल्‍ली. दिल्‍ली के कथित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए फौरी राहत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने उन्‍हें 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. इससे पहले उन्‍हें जांच एजेंसी की ओर से इस केस में पूछताछ के लिए हाजिर होने को लेकर 9 समन जारी किए गए थे, लेकिन सीएम केजरीवाल एक बार भी एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए. गिरफ्तारी से बचने के लिए केजरीवाल ने दिल्‍ली हाईकोर्ट का भी रुख किया था, लेकिन राहत नहीं मिली थी. शुरुआती पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था. सीएम अरविंद केजरीवाल ने ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. केजरीवाल ने जांच एजेंसी के कदम को अवैध बताया है. फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. मामले की सुनवाई के दौरान सीएम केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने की बात उठी. ED ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का पुरजोर विरोध किया. जांच एजेंसी की ओर से दलील दी गई कि यदि केजरीवाल को अंतरिम जमानत देकर राहत प्रदान की जाएगी तो अपराधी भी राजनीति में आकर राहत की मांग करेंगे और जांच के दायरे से बाहर रहेंगे, क्‍योंकि देशभर में सालों भर चुनाव की प्रक्रिया चलती रहती है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी की दलीलों को खारिज करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाया. जस्टिस संजीव खन्‍ना- यह अलग मामला, तुषार मेहता- यह राष्‍ट्र की चिंता; केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर जोरदार बहस 4 मिनट और 8 पेज अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के मामले पर जस्टिस संजीव खन्‍ना और जस्टिस दीपांकर दत्‍ता की पीठ सुनवाई कर रही थी. ‘द हिन्‍दू’ की रिपोर्ट के अनुसार, बहस पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट की पीठ लंच के बाद दोबारा बैठी. दो जजों की बेंच ने 4 मिनट से कुछ ज्‍यादा का समय लिया और फैसला सुना दिया. केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का फैसला महज 8 पेज में है. इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने 4 मिनट के समय लेते हुए 8 पेज में अपना फैसला सुना दिया. शीर्ष अदालत के फैसले के साथ ही ईडी की सभी दलीलें धराशायी हो गईं. ईडी ने केजरीवाल को जमानत देने का पुरजोर विरोध किया था. शर्तों के साथ मिली अंतरिम जमानत दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फौरी जमानत मिल तो गई, लेकिन उनपर कई शर्तें भी लगाई गई हैं. अपनी जमानत अवधि के दौरान अरविंद केजरीवाल मुख्‍यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे. इसके अलावा सीएम केजरीवाल किसी दस्‍तावेज पर हस्‍ताक्षर भी नहीं कर सकेंगे. हालांकि, यदि दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल को लगता है कि किसी डॉक्‍यूमेंट पर सीएम का हस्‍ताक्षर जरूरी है तो केजरीवाल एलजी के निर्देश पर ऐसा कर सकेंगे. इसके अलावा अरविंद केजरीवाल इस दौरान दिल्‍ली की निरस्‍त आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के गवाहों से बात भी नहीं कर सकेंगे. Tags: CM Arvind Kejriwal, Delhi liquor scam, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 14:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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