वो देश जहां एग्जिट पोल प्रतिबंधित हैं मीडिया नहीं लगा सकता नतीजों से पहले अनुमान
वो देश जहां एग्जिट पोल प्रतिबंधित हैं मीडिया नहीं लगा सकता नतीजों से पहले अनुमान
Exit Poll result 2022/Assembly Election exit poll result 2022: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव खत्म हो चुके हैं. गुजरात में आखिरी चरण के लिए विधानसभा चुनावों की वोटिंग चल रही हैं. भारत में चाहे लोकसभा चुनाव हों या फिर विधानसभा के -एग्जिट पोल के नतीजों को लोग बहुत चाव से देखते हैं लेकिन बहुत से ऐसे देश हैं, जहां ये प्रतिबंधित या सशर्त है.
हाइलाइट्सयूरोप के कई देशों में एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल को लेकर कड़े कानून एग्जिट पोल को लेकर भी कुछ देशों में सख्ती और इसे तोड़ना माना जाता है अपराध भारत में कितना पुराना है एग्जिट पोल का इतिहास, क्यों बदले गए यहां भी उनके नियम
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनावों के बाद शाम से टीवी चैनल्स और डिजिटल मीडिया एग्जिट पोल के जरिए ये अनुमान बताने लगेगा कि इन चुनावों में कौन सी पार्टी जीत रही है, कहां किसका पलड़ा भारी है. हालांकि पिछले कुछ सालों में भारतीय चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल को लेकर नियम कड़े किए हैं. हालांकि बहुत से देश ऐसे भी हैं जहां एग्जिट पोल आशिंक या पूरी तौर पर बैन हैं.
भारत में ही कुछ साल पहले तक चुनावी चरणों के बीच में मीडिया के एग्जिट पोल दिखाने के बाद जब शिकायतें आने लगीं तो चुनाव आयोग ने इस पर नियम कड़े करके ये गाइडलाइंस जारी कीं कि एक्जिट पोल का टेलीकास्ट अंतिम चरण के बाद ही होगा, चाहे वो लोकसभा के चुनाव हों या फिर विधानसभा के.
भारत में एग्जिट पोल का इतिहास 03 दशक पुराना
हालांकि एग्जिट पोल को लेकर चुनाव आयोग की गाइड लाइंस बहुत कुछ और भी कहती है. हालांकि हमारे देश में एग्जिट पोल का इतिहास कोई 03 दशक से ज्यादा पुराना नहीं है. भारतीय में प्राइवेट न्यूज चैनल शुरू होने के बाद एग्जिट पोल जैसी चीजें भी सामने आईं. हालांकि इस तरह के अनुमान अमेरिका और यूरोपीय देशों में काफी लंबे समय से किए जाते रहे हैं.
कई देशों में एग्जिट पोल प्रतिबंधित या सशर्त
ये तो भारत की बात है लेकिन कई ऐसे देश भी हैं जहां एग्जिटल पोल को ये तो प्रतिबंधित कर दिया गया है या फिर बहुत कड़े नियमों में बांध दिया गया है. यूरोप में 16 देश हैं जहां ओपिनियन पोल की रिपोर्टिंग प्रतिबंधित है. ये प्रतिबंधित चुनावी दिन से 24 घंटे पहले से लेकर एक महीने पहले तक हैं.
फ्रांस में क्या होता है
फ्रांस में वोटिंग दिन के 24 घंटे पहले आप चुनाव को लेकर किसी भी तरह ओपिनियन रिपोर्ट्स नहीं कर सकते. हालांकि फ्रांस में पहले ये बैन 07 दिनों का था , ये 1977 तक लागू भी था लेकिन बाद एक कोर्ट ने इसे 24 घंटे तक सीमित कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 07 दिनों की पाबंदी अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है.
ओपिनियन और एग्जिट पोल इन देशों में 07 दिन पहले बैन
इटली, स्लोवाकिया और लक्जमबर्ग में किसी भी तरह का ओपिनियन पोल या एग्जिट पोल चुनाव के 07 दिनों पहले बैन हो जाता है.
ब्रिटेन में क्या होता है
हालांकि ब्रिटेन में ओपिनियन पोल को लेकर कोई पाबंदी नहीं है लेकिन एग्जिट पोल्स के नतीजे तब तक नहीं दे सकते जब तक वोटिंग पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती.
अमेरिका में मीडिया क्या करता है
अमेरिका में ओपिनियन पोल्स तो कभी भी दे सकते हैं लेकिन एग्जिट पोल पर नतीजे वहां भी चुनाव में मतदान पूरी तरह खत्म होने के बाद ही मीडिया द्वारा दिए जाते हैं.
जर्मनी में अपराध
जर्मनी में एग्जिट पोल्स अपराध माना जाता है अगर इसे चुनावी मतदान से पहले ही शुरू कर दिया जाए.
बुल्गारिया में कड़े कानून
बुल्गारिया में चुनाव के दिन एग्जिट पोल के नतीजे देना कानूनी तौर पर गलत माना जाता है. ऐसा नहीं किया जा सकता है.
सिंगापुर में पूरी तरह बैन
सिंगापुर में तो एग्जिट पोल पूरी तरह से बैन है. वहां चुनावों को किसी भी तरह से प्रभावित करना अपराध है, लिहाजा इसको लेकर बहुत कड़ाई रहती है.
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Tags: Exit poll, Exit Poll 2022, UP Exit Poll 2022FIRST PUBLISHED : December 05, 2022, 12:41 IST