सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला अब ब‍िना मर्जी के शादीशुदा मह‍िला गर्भवती होती है तो इसे मैरिटल रेप माना जाना चाह‍िए

marital rape news: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) संशोधन अधिनियम, 2021 के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने साफ किया कि इस कानून की व्याख्या केवल विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं रह सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बिना मर्जी के कोई विवाहित महिला गर्भवती होती है, तो इसे मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत रेप माना जाना चाहिए और इस लिहाज से उसे गर्भपात कराने का अधिकार होगा.

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला अब ब‍िना मर्जी के शादीशुदा मह‍िला गर्भवती होती है तो इसे मैरिटल रेप माना जाना चाह‍िए
हाइलाइट्सलिव-इन रिलेशनशिप और सहमति से बने संबंधों से गर्भवती हुई महिलाएं भी गर्भपात करा सकेगी. कोर्ट ने साफ किया कि इस कानून की व्याख्या केवल विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं रह सकती. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) संशोधन अधिनियम 2021 के तहत विवाहित या अविवाहित सभी महिलाओं को गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक सुरक्षित व कानूनी रूप से गर्भपात कराने का अधिकार दिया है. न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की एक पीठ ने एमटीपी अधिनियम की व्याख्या पर फैसला सुनाते हुए कहा कि चाहे महिला विवाहित हो या अविवाहित, वह गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक वह गर्भपात करा सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है क‍ि सभी महिलाओं को सुरक्षित, कानून सम्मत तरीके से गर्भपात करने का अधिकार है. सिर्फ विवाहित ही नहीं, अविवाहित महिलाएं भी 24 हफ्ते तक गर्भपात करा सकती हैं यानि लिव-इन रिलेशनशिप और सहमति से बने संबंधों से गर्भवती हुई महिलाएं भी गर्भपात करा सकेगी. कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) संशोधन अधिनियम, 2021 के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने साफ किया कि इस कानून की व्याख्या केवल विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं रह सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बिना मर्जी के कोई विवाहित महिला गर्भवती होती है, तो इसे मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत रेप माना जाना चाहिए और इस लिहाज से उसे गर्भपात कराने का अधिकार होगा. आपको बता दें क‍ि मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने का मसला अभी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. आज के फैसले के मुताबिक, सिर्फ एमटीपी एक्ट के तहत ही रेप में मैरिटल रेप भी शामिल होगा यानि इसका आरोप लगाकर अभी शादीशुदा महिला गर्भपात करा सकेगी पर अभी पति के खिलाफ मुकदमा नहीं चलेगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Marital Rape, Pregnant woman, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 13:23 IST