गन्ने में दिखें ये छोटे-छोटे लक्षण तो समझें जमीन में बैठा है बड़ा दुश्मन!
गन्ने में दिखें ये छोटे-छोटे लक्षण तो समझें जमीन में बैठा है बड़ा दुश्मन!
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ संजीव पाठक ने बताया कि पहली बारिश के बाद सफेद गिडार पास के पेड़ों पर आकर मेटिंग करता है और 3-4 दिन बाद फिर खेतों में जाकर अंडे देता है. ऐसे में अगर वयस्क को पेड़ों पर ही मार दिया जाए तो इनकी संख्या में वृद्धि काफी कम हो जाएगी
शाहजहांपुर: गन्ने में सफेद गिडार एक आम कीट है जो फसल को काफी नुकसान पहुंचाता है. ये कीट गन्ने की जड़ों को खाते हैं, जड़ कट जाती है, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है. पौधा पीला पड़ने के बाद सूख जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि समय पर अगर सफेद गिडार का नियंत्रण कर लिया जाए तो अच्छा है. गन्ने की फसल में सफेद गिंडार और दीमक मुख्य समस्या है. जो गन्ने की फसल में 80% तक पैदावर को नुकसान पहुँचाती है। यह कीट जमीन में रहकर मई से लेकर अक्टूबर महीने तक गन्ने के पौधे की जड़ों को खाता रहता है। जिसकी वजह से कई बार बड़े पौधे भी सूख जाते हैं।
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ संजीव पाठक ने बताया कि पहली बारिश के बाद सफेद गिडार पास के पेड़ों पर आकर मेटिंग करता है और 3-4 दिन बाद फिर खेतों में जाकर अंडे देता है. ऐसे में अगर वयस्क को पेड़ों पर ही मार दिया जाए तो इनकी संख्या में वृद्धि काफी कम हो जाएगी. सफेद गिडार के कारण गन्ने की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और धीरे-धीरे मुरझा जाती हैं. प्रभावित गन्ने को खींचने पर वह आसानी से से निकल जाते हैं. जड़ों को देखने पर उनमें छेद और क्षतिग्रस्त होने के निशान मिलते हैं. जरुरी है कि खेत में खरपतवारों को समय-समय पर हटाते रहें. हर साल एक ही जगह पर गन्ने की खेती न करें. गन्ना लगाते समय खेत में फिप्रोनिल का प्रयोग करें. जिससे गन्ने में सफेद गिड़ार आने की संभावना कम हो जाती है.
रासायनिक कीटनाशक से करें ड्रेंचिग
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि जिन खेतों में सफेद गिड़ार का प्रकोप देखने को मिलता है. वहां रासायनिक उपचार करने से निजात पाई जा सकती है. किसान सफेद गिड़ार के नियंत्रण के लिए 200 ग्राम क्लोथियानिडिन 50 % WDG (Clothianidin 50 %WDG) दवा को 1875 लीटर पानी में घोल बनाकर जड़ों के पास ड्रेंचिंग कर दें.
लाइट ट्रैप से करें सफेद गिड़ार का नियंत्रण
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि सफेद गिड़ार का नियंत्रण लाइट ट्रैप के जरिए भी कर सकते हैं. किसान खेत के किनारे पीली रोशनी करने वाला बल्ब जला दें. बल्ब के नीचे किसी टब में जहरीला कीटनाशक पानी में घोलकर भर दें. सफेद गिड़ार का नर कीट इसकी ओर आकर्षित होते हैं. और टब में गिरकर मर जाते हैं. सफेद गिड़ार के नर कीट मर जाने से उनकी अगली पीढ़ी तैयार नहीं होती है.
गोबर का ऐसे करें इस्तेमाल
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि इसके अलावा किसान जैविक तरीके से भी सफेद गिड़ार का नियंत्रण कर सकते हैं. जिसके लिए किसान बावेरिया बेसीयाना मैटाराईजियम एनिसोपली की 2 किलो मात्रा को गोबर में मिलाकर एक एकड़ खेत में गन्ने के पौधों की जड़ों के पास डाल दें. ऐसा करने से सफेद गिड़ार समाप्त हो जाता है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 14:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed