इलाहाबाद उच्च न्यायालय: ई-फाइलिंग व्यवस्था का विरोध क्यों कर रहे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता जाने क्या है उनकी राय

इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता इस समय ई-फाइलिंग व्यवस्था को लेकर विरोध कर रहे है. अधिवक्ताओं का मानना है कि कोर्ट नए अधिवक्ता से उनका रोजगार छिन रही है. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद जिले का वकील संबंधित जिले से हाई कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर बहस कर सकता है.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय: ई-फाइलिंग व्यवस्था का विरोध क्यों कर रहे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता जाने क्या है उनकी राय
रजनीश यादव /प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय एशिया के सबसे बड़े उच्च न्यायालयों में शामिल है. जहां 50 हजार से अधिक अधिवक्ता पंजीकृत है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ही जजों की सबसे अधिक बेंच बैठती है. जहां विभिन्न मामलों की सुनवाई की जाती है. ऐसे में प्रदेश भर के प्रत्येक जिले से वादकारियों को प्रयागराज आना पड़ता है. इन वादियों को राहत प्रदान करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से ई फाइलिंग व्यवस्था की शुरुआत की गई. जिससे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं में रोष आ गया. क्यों विरोध कर रहे अधिवक्ता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रदीप कुमार पांडेय बताते हैं कि उच्च न्यायालय की ओर से लागू किया जा रहे ई-फाइलिंग व्यवस्था का वह लोग विरोध करते हैं.  जरूरत पड़ी तो हड़ताल भी करेंगे. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के लागू हो जाने से देश के सबसे बड़े उच्च न्यायालय के अधिवक्ता बेरोजगार हो जाएंगे. ऐसी व्यवस्था लागू होने से हाई कोर्ट के अधिवक्ता का महत्व खत्म हो जाएगा. जिले का वकील वर्चुअल माध्यम से ही जज के सामने बहस करेगा.  कोर्ट का ये कदम वकीलों के साथ कुठाराघात है. हाई कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता शैलजाकांत त्रिपाठी बताते हैं कि ई-फाइलिंग व्यवस्था लागू होने से हाई कोर्ट की गरीमा को ठेस पहुंचेगा.  इस व्यवस्था के माध्यम से संबंधित जिले का वकील मुकदमा दाखिल कर वर्चुअल माध्यम से अपनी बात रखेगा. ऐसे में उनके पास कम अनुभव और हाई कोर्ट के नियम कानून से अवगत नहीं होने के कारण कोर्ट की अवहेलना होगी. आगे उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से न्यायपालिका के केंद्रीय कृत कार्यकारिणी का विभाजन होगा. ये व्यवस्था अगर प्रदेश में लागू होती है, तो हाई कोर्ट का महत्वता में कमी आएगी. वही अधिवक्ता सुरेश सिंह बताते हैं कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रवेश के लिए एफिडेविट बनवाया जाता है इसकी व्यवस्था जिलों पर कर देनी चाहिए. जिससे उच्च न्यायालय में आने वाले वादियों को प्रवेश की दिक्कत न हो. वह बताते हैं कि उच्च न्यायालय में नए प्रैक्टिशनर जूनियर अधिवक्ताओं का करियर आगे नहीं बढ़ पाएगा. इस व्यवस्था के लागू होने से अधिवक्ता आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान होंगे. नई कार्यकारिणी ने भी किया विरोध हाल ही में गठित इलाहाबाद उच्च न्यायालय की नई बार काउंसिल की कार्यकारी समिति ने शपथ लिया. इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है. यह याचिका अगले हफ्ते ही दाखिल हो जाएगी. क्या है ई फाइलिंग व्यवस्था इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से ई-फाइलिंग व्यवस्था की शुरुआत की गई है. इसमें प्रत्येक जिले पर एक डिजिटल सेंटर खोला जाएगा. जहां से वादकारी अपने मुकदमे को अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायालय में दाखिल कर सकेंगे. इससे उच्च न्यायालय में मुकदमा दाखिल करने के लिए इलाहाबाद आने की जरूरत नहीं रहेगी. Tags: Allahabad high court, Allahabad news, Local18FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 13:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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