तनाव और थकान कम कर देता है उत्तर प्रदेश का यह इत्र इन राज्यों में रहती है

Raat Rani Perfume: जिस इत्र के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उसकी कीमत 20,000 से 25,000 रुपए किलो से शुरू होती है. थोड़ी और अच्छी क्वालिटी का इत्र 40,000 से 50,000 रुपए किलो तक रहता है. इसकी रूह 7 से 8 लाख रुपए....

तनाव और थकान कम कर देता है उत्तर प्रदेश का यह इत्र इन राज्यों में रहती है
अंजली शर्मा/कन्नौज: कन्नौज का रात रानी का इत्र चमेली के इत्र का एक और प्रकार है. यह सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला और डिमांड वाला इत्र है. इसकी मीठी खुशबू रात में खिलने वाले चमेली के फूल के तेल से तैयार होती है. रात रानी के फूल को सेस्ट्रम नॉक्टर्नम के नाम से भी जाना जाता है. इस फूल में स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा में सुधार, चिंता, मासिक धर्म में ऐंठन आदि जैसे कई स्वास्थ्य लाभ देते हैं. इत्र व्यापारियों द्वारा रात रानी का इत्र और तेल दोनों ही तैयार किया जाता है. ग्राहक की डिमांड पर इसे स्प्रे में भी तैयार किया जाता है. कैसे होता तैयार कन्नौज के इत्र व्यापारी कन्नौज की प्राचीन पद्धति डेग-भभका से इस इत्र को तैयार करते हैं. रात रानी के फूलों को बड़े से बर्तन में अलग-अलग कर लिया जाता है और फिर उसको साफ करके डेग में डाला जाता है. मानक के अनुसार उसमें पानी डालकर तेज आंच पर पकाया जाता है. जब भाप बनाकर यह भभके में इत्र बनकर इकट्टा हो जाता है तब इसका उपयोग सुगंध और आयुर्वेदिक दवा बनाने के लिए किया जाता है. इसका उपयोग आमतौर पर प्राकृतिक इत्र बनाने के लिए किया जाता है जो लंबे समय तक रहता है. इसकी खुशबू तनाव और थकान को कम करती है. कहां होती है ज्यादा डिमांड रात रानी का फूल बेला, चमेली और मोगरा की ही प्रजाति का होता है. इस सभी की तरह रात रानी के इत्र की खुशबू सबसे ज्यादा मनमोहक होती है. पूरे भारत के साथ साथ दक्षिण और बंगाल में इसकी डिमांड ज्यादा रहती है. क्या होता रेट साधारण तौर पर रातरानी इत्र की कीमत 20,000 से 25,000 रुपए किलो से शुरू होती है. थोड़ी और अच्छी क्वालिटी का इत्र 40,000 से 50,000 रुपए किलो तक रहता है. इसकी रूह 7 से 8 लाख रुपए किलो तक पहुंच जाती है. क्या बोले व्यापारी इत्र व्यापारी निशिष तिवारी बताते हैं कि रातरानी का इत्र बेला, चमेली और मोगरा की ही प्रजाति का एक फूल होता है. कन्नौज की प्राचीन पद्धति डेग भभका से इसका इत्र तैयार किया जाता है. इसकी खुशबू थोड़ी सी स्ट्रांग होती है. रातरानी के फूल की खुशबू रात में बहुत तेजी से होती है जिस कारण इस इत्र की खुशबू भी हवा में तेजी से फैलती है. इसकी कीमत ₹20,000 से शुरू होकर इसकी रूह की कीमत ₹8,00,000 किलो तक पहुंच जाती है. दक्षिण के क्षेत्र में बंगाल पश्चिम बंगाल में इसकी डिमांड ज्यादा रहती है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 18:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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