क्या है AMU का इतिहास दुनिया में इसने कैसे बनाई अपनी साख जानिए यहां सबकुछ

Aligarh Muslim University: AMU के जनसंपर्क अधिकारी बताते हैं कि महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बानी थे. इनकी सोच थी कि देश को आगे बढ़ाया जाए और तरक्की की राह पर जाए. इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए 1875 में मदरसा ए तुलुम की शक्ल में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की बुनियाद रखी गई.

क्या है AMU का इतिहास दुनिया में इसने कैसे बनाई अपनी साख जानिए यहां सबकुछ
अलीगढ़ /वसीम अहमद: उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) भारत के प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है. ये एक आवासीय शैक्षणिक संस्थान है, जिसकी स्थापना 1920 में सर सैयद अहमद खान द्वारा की गई थी और 1921 में भारतीय संसद के एक अधिनियम के माध्यम से केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया पहला उच्च शिक्षण संस्थान था. यह मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कालेज था, जिसे महान मुस्लिम समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान द्वारा स्थापित किया गया था. कई प्रमुख मुस्लिम नेताओं, उर्दू लेखकों और उपमहाद्वीप के विद्वानों ने विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर रखी है. और आज इस विश्वविद्यालय से पढ़े हुए लोग दुनिया भर मे कई ऊंचे पदों पर विराजमान हैं. विश्वविद्यालय सहित देश का नाम रोशन कर रहे हैं. AMU में शिक्षा के पारंपरिक और आधुनिक शाखा में 250 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं. अपने समय के महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता को महसूस किया. इसके बाद उन्होंने 1875 में इस स्कूल को शुरू किया, जो बाद में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज और अंततः 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना. 1875 में सर सैयद अहमद खान ने रखी थी बुनियाद AMU के जनसंपर्क अधिकारी बताते हैं कि महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बानी थे. इनकी सोच थी कि देश को आगे बढ़ाया जाए और तरक्की की राह पर जाए. इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए 1875 में मदरसा ए तुलुम की शक्ल में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की बुनियाद रखी गई. इसके बाद 1877 में यह एएमयू कॉलेज की शक्ल में आया. और 1920 में यह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय हो गया. विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों ने देश के निर्माण के लिए कार्य किया और इसे आगे बढ़ाया. सर सैयद का वह ख्वाब मिनी इंडिया की शक्ल ले चुका है. मिनी इंडिया की उपाधि को हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित किया जा चुका है. AMU की खासियत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की खासियत यह है कि इस विश्वविद्यालय ने इंटरनेशनल लेवल पर कई साइंटिस्ट दिए हैं. वर्ल्ड लेवल के लीडर्स दिए हैं. साथ ही छात्रों को उम्दा किस्म की तालीम दी है. इसके अलावा देश और दुनिया को भी विश्वविद्यालय ने बहुत कुछ दिया है. यही कारण है कि विश्वविद्यालय आज देश की नामचीनों की लिस्ट में अपनी जगह बना चुका है. इसलिए इस विश्वविद्यालय को विश्व विख्यात विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है. इस समय विश्वविद्यालय में 20 हॉल का रेजिडेंस है. देश विदेश के कुल मिलाकर करीब 38,000 बच्चे यहां पढ़ रहे हैं. साथ ही विश्वविद्यालय में 13 फैकल्टी मौजूद हैं और 117 डिपार्टमेंट है. दुनिया भर के 108 देशों में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एल्युमिनियम मौजूद है. यह इस विश्वविद्यालय की खूबसूरती और खासियत है. Tags: Aligarh Muslim University, Aligarh news, Education news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 12:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed