अषाढ़ माह में बन रहा भयंकर संयोग पूरे विश्व के लिए अशुभ संकेत हो जाएं सावधान
अषाढ़ माह में बन रहा भयंकर संयोग पूरे विश्व के लिए अशुभ संकेत हो जाएं सावधान
धार्मिक मान्यता के मुताबिक द्वापर युग के महाभारत काल में युद्ध के दौरान 13 दिन के पक्ष में यह दुर्योग काल निर्मित हुआ था. उसे काल में भारी जनहानि और प्राकृतिक आपदा की घटना घटी थी.
अयोध्या: हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की शुरुआत बीते 23 जून से शुरू हो चुकी है और इसका समापन 21 जुलाई को होगा. पंचांग के अनुसार हर माह में दो पक्ष होते हैं, जिसमें 15 दिन का शुक्ल पक्ष होता है, तो 15 दिन का कृष्ण पक्ष होता है. लेकिन इस वर्ष आषाढ़ माह में महाभारत काल के बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है कि कृष्ण पक्ष 15 दिन के बजाय 13 दिन का ही होगा. जिसे ज्योतिषीय गणना में अशुभ माना जाता है. जब ऐसी स्थिति आती है, तो इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. द्वापर युग में भी 13 दिनों का ऐसा ही अशुभ संयोग बना था. जिसके बाद महाभारत युद्ध हुआ था. इतना ही नहीं इस अद्भुत संयोग के निर्माण होने से कई तरह की जनहानि की संभावना रहती है. तो चलिए अयोध्या के ज्योतिषी से विस्तार से समझते हैं.
धार्मिक मान्यता के मुताबिक द्वापर युग के महाभारत काल में युद्ध के दौरान 13 दिन के पक्ष में यह दुर्योग काल निर्मित हुआ था. उसे काल में भारी जनहानि और प्राकृतिक आपदा की घटना घटी थी. कौरव और पांडवों के बीच में भीषण युद्ध हुआ था. तो वहीं अब इस काल में भी प्राकृतिक प्रकोप बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम ने बताया कि 23 जून को आषाढ़ माह की शुरुआत हो चुकी है. प्रत्येक महीने में 15 दिन का कृष्ण पक्ष और 15 दिन का शुक्ल पक्ष होता है. लेकिन अबकी बार आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष 13 दिन का ही है. यह संयोग द्वापर युग में महाभारत युद्ध के आरंभ से पहले बना था और दूसरी तरफ आषाढ़ माह की शुरुआत रविवार को हुई है और इसका समापन रविवार के दिन ही होगा. यह संयोग अखिल विश्व के लिए अशुभ है. बड़ी घटनाएं प्रकृति में घटित होंगी. समाज में व्यापक स्तर पर षडयंत्र होगा. इतना ही नहीं ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस नक्षत्र में देश की सरकार के विरुद्ध षडयंत्र रचने की संभावना है. जिसमें दुनिया के कई देश शामिल हो सकते हैं. इस दौरान षड्यंत्र से सावधान रहने की जरूरत है. ईष्ट देवता की ध्यान करें.
Tags: Dharma Aastha, Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 16:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed