इसरो में वैज्ञानिक बने कमल जिले और गांव का रोशन किया नाम
इसरो में वैज्ञानिक बने कमल जिले और गांव का रोशन किया नाम
लोकल 18 से बातचीत में कमल ने बताया कि उनका बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सपना था. जब वह कक्षा 10 में थे, तो उन्होंने एक फिल्म देखकर वैज्ञानिक बनने की ठान ली थी.
अमेठी: “कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, कभी तबीयत से पत्थर तो उछालो यारो.” इस कहावत को अमेठी के कमल मौर्य ने सच कर दिखाया है. कभी एडमिशन के लिए भटकने वाले कमल ने आज वैज्ञानिक बनकर सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. उनकी सफलता पर हर कोई खुश है और उन्हें बधाई दे रहा है. महज 23 वर्ष की उम्र में वैज्ञानिक बनने वाले कमल ने सबके हौसले को बढ़ा दिया है.
कमल मौर्य अमेठी जिले के गौरीगंज तहसील के गुडूर गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता जयप्रकाश मौर्य अध्यापक हैं और माता गृहिणी हैं. उनकी बहन आयुर्वेद विभाग की तैयारी कर रही हैं. कमल ने कक्षा 5 तक की शुरुआती पढ़ाई अपने गांव में पूरी की और फिर रायबरेली जिले के ऊंचाहार में कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई की. इसके बाद कमल ने इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन में बीटेक किया और 4 साल केरल में तैयारी की. इसके बाद उन्होंने कोटा, राजस्थान में वैज्ञानिक बनने के लिए कड़ी मेहनत की और आखिरकार अपनी मंजिल को पा लिया. जुलाई माह में कमल को वैज्ञानिक की उपाधि मिली और देश के उपराष्ट्रपति ने उन्हें अपने हाथों से सम्मानित किया.
बचपन से था वैज्ञानिक बनने का सपना
लोकल 18 से बातचीत में कमल ने बताया कि उनका बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सपना था. जब वह कक्षा 10 में थे, तो उन्होंने एक फिल्म देखकर वैज्ञानिक बनने की ठान ली थी. उन्होंने कहा कि जब वह अपने गांव में रहते थे, तो गांव लड़ाई-झगड़े के लिए जाना जाता था. परंतु अब, उनके वैज्ञानिक बनने के बाद गांव की तस्वीर और पहचान बदल गई है. अब उनका गांव उनकी मेहनत की वजह से अच्छे कार्यों के लिए जाना जाता है. कमल ने युवाओं से अपील की कि संघर्षों से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए और हमेशा बड़े सपने देखने चाहिए.
पिता की मेहनत का फल
कमल के पिता जयप्रकाश मौर्य ने बताया कि एक समय ऐसा था जब कमल का एडमिशन कराने के लिए उन्हें अंग्रेजी स्कूल में ले गए थे, लेकिन वहां के प्रिंसिपल ने एडमिशन के लिए मना कर दिया था. परंतु उन्होंने बहुत मेहनत करके अपने बेटे का एडमिशन कराया और आज कमल की सफलता से सब खुश हैं.
Tags: Local18, Space scientistsFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 13:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed