जमीन पर भी चलना मुश्किल पर मां की गोद से आसमान छूने का हौसलासुप्रिया की कहानी

सच है कि अगर इंसान में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो हर मुसीबत को पीछे छोड़ बुलंद हौसले और पक्के इरादे के साथ इतिहास लिखने वाले रास्ते पर चल ही देता है. कुछ ऐसी ही कहानी है जमुई जिले के लक्ष्मीपुर की रहने वाली 21 साल की सुप्रिया की. शारीरिक लाचारी को पीछे छोड़ हौसले के बल पर शिक्षा ले भविष्य संवारने में जुटी है, जिसका साथ परिवार वाले भी खूब दे रहे हैं.

जमीन पर भी चलना मुश्किल पर मां की गोद से आसमान छूने का हौसलासुप्रिया की कहानी