आंगनवाड़ी सेविका के लिए गुड न्यूज 2400000 महिलाओं की होगी चांदी

गुजरात हाईकोर्ट का आंगनवाड़ी को लेकर एक आदेश सामने आया है. यह गुजरात के एक लाख तो देशभर के 24 लाख महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाला आदेश है. इसमें आंगनवाड़ी सेविकाओं के साथ-साथ सहायकों की सैलरी भी बढ़ानें की बात कही है.

आंगनवाड़ी सेविका के लिए गुड न्यूज 2400000 महिलाओं की होगी चांदी
अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ी सेविका (AWW) और आंगनवाड़ी सहायिका (AWH) के साथ-साथ देश की 24 लाख महिलाओं के लिए बड़ा फैसला सुनाया है. आदालत ने अपने फैसले में कहा कि आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका केंद्र या राज्य सरकार में ‘सिविल पदों पर स्थायी कर्मचारी’, आसान भाषा में कहें तो वे सरकारी पक्की नौकरी की हकदार हैं. इस फैसले से गुजरात में 1 लाख से अधिक महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और देशभर में 24 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिलने की संभावना है. कोर्ट ने 30 अक्टूबर को आदेश जारी किया था. न्यायमूर्ति निखिल करियल ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को सरकारी सेवाओं में समाहित करने के लिए संयुक्त नीति तैयार करें. केंद्र की योजना एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) के तहत उनकी नौकरी पक्की करें. गुजरात सिविल सेवा (वर्गीकरण और भर्ती) (सामान्य) नियम, 1967 के तहत गुजरात में सरकारी सेवा में उन्हें शामिल करने का आदेश दिया है. Today Weather: बारिश लाएगी कड़ाके की ठंड, दिल्ली में बदलेगा मौसम का मिजाज, रजाई-स्वेटर के साथ रहें तैयार, IMD ने क्या बताया? सैलरी से खुश नहीं कोर्ट हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ी सेविका और आंगनवाड़ी सहायकों के वेतन तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतनमान के अनुसार विचार करने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने गुजरात सरकार को सेविकाओं की सैलरी की बकाया राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया गया. कोर्ट ने फैसला सुनाते समय कहा कि इन पदों पर काम करने वाली महिलाओं को जो वेतन दिया जाता है, आंगनवाड़ी सेविका को 10,000 रुपये और आंगनवाड़ी सहायकों के लिए 5,500 रुपये, यह चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को प्रतिदिन चार घंटे काम करने के लिए मिलने वाले सैलरी से भी कम है. मालिक और नौकर का रिश्ता हाईकोर्ट ने कहा, ‘सरकार आईसीडीएस जैसे कार्यक्रम को चलाने में गर्व महसूस करती है, यह कर्मचारियों को बहुत कम सैलरी देती है, जबकि गुजरात राज्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायकों के बीच एक मालिक और नौकर का रिश्ता है.’ जब तक सरकारें नीति नहीं बना लेतीं, तब तक हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए न्यूनतम वेतनमान पर वेतन पाने के हकदार हैं. अदालत के निर्देश 2015 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायकों द्वारा दायर सैकड़ों याचिकाओं के जवाब में थे. Tags: Anganwadi workers, GujaratFIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 07:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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