मॉर्निंग वॉक कर रहा था युवक मिला ऐसा खजाना सबकी फटी रह गईं आंखें

1300 Year Old Temple: भारत पुरातन काल से ही अध्‍यात्‍म और धर्म का केंद्र रहा है. इसका एक और सबूत मिला है. एक साथ महादेव, माता पार्वती, भगवान गणेश आदि की सैकड़ों साल पुरानी प्रतिमा मिली है.

मॉर्निंग वॉक कर रहा था युवक मिला ऐसा खजाना सबकी फटी रह गईं आंखें
भद्रक (ओडिशा). भारत प्राचीन इतिहास और विरासत की जननी है. सैकड़ों हजारों साल पुरानी ऐतिहासिक चीजें इसकी गवाही देती हैं. कहा जाता है कि भारत के कण-कण में इतिहास रचता और बसता है. एक बार फिर से इस बात के प्रमाण मिले हैं. पूर्वी भारत के ओडिशा राज्‍य में ऐतिहासिक धरोहर का खजाना मिला है. इससे 1300 से 1400 साल पुरानी संस्‍कृतियों और सामाजिक ताने-बाने में समझने में मदद मिल सकती है. आर्केलॉजिस्‍ट ने भी इसकी पुष्टि की है. फिलहाल सैकड़ों साल पुरानी कलाकृतियों की जांच-परख क जा रही है. इसके बाद ही इसके बारे में विस्‍तृत जानकारी मिल सकेगी. जानकारी के अनुसार, ओडिशा के भद्रक जिले में बैतरणी नदी के किनारे एक युवक मॉर्निंग वॉक कर रहा था, तभी उसके पैरों से कोई चीज टकराई. युवक विवेकानंद ने जब और मिट्टी हटाकर देखा तो उन्‍हें ऐतिहासिक वस्‍तुओं के होने का आभास हुए. उन्‍होंने बुद्धि कौशल का परिचय देते हुए तत्‍काल इंडियन नेशनल ट्रस्‍ट फॉर आर्ट एंड कल्‍चरल हेरिटेज के सदस्‍यों को इसकी सूचना दी. उन्‍होंने युवा रिसर्चर विश्‍वंभर राउत को भी इसके बारे में सूचित किया. सूचना मिलने के तुरंत बाद रिसर्चर की एक टीम मौके पर पहुंच गई और विस्‍तृत तरीके से खोजबीन करने लगे. बता दें कि भद्रक जिले के भंडारीपोखरी ब्‍लॉक के मणिनाथपुर गांव में सैकड़ों साल पुराने मंदिर और प्रतिमाओं का पता चला है. JCB से चल रही थी खुदाई, आने लगी घंटे जैसी आवाज, ड्राइवर की थम गई सांस, देखते ही खुला 500 साल पुराना राज 7वीं-8वीं सदी की 18 मूर्तियां रिसर्चर की टीम ने बताया कि बैतरणी नदी के किनारे से 6वीं से 8वीं सदी की 18 पुरानी मूर्तियां मिली हैं. विशेषज्ञों ने बताया कि भगवान शिव और बौद्ध संप्रदाय से जुड़ी प्रतिमाएं मिली हैं. छोटा सा मंदिर और अर्घ स्‍तूप भी मिला है. विश्‍वंभर राउत ने उस पूरे एरिया की जांच की है. उन्‍होंने बताया कि बैतरणी नदी के किनारे 18 प्राचीन मूर्तियों के अलावा एक छोटा सा मंदिर भी मिला है. विशेषज्ञों की टीम ने सभी प्रतिमाओं और अन्‍य ऐतिहासिक सामग्रियों को बुद्ध विहार म्‍यूजियम को सौंप दिया गया है, ताकि इसे आमलोगों के दर्शन के लिए रखा जा सके. मंदिर का पता चलने के बाद मौके पर बड़ी संख्‍या में लोग पहुंच गए. श्रद्धा भाव से सिर भी झुकाने लगे. भगवान शिव-पार्वती और बुद्ध की प्रतिमा बैतरणी नदी के किनारे से रिसर्चर की टीम ने कई प्राचीन प्रतिमाओं को बरामद किया है. प्राचीन और ऐतिहासिक मूर्तियों में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश आदि शामिल हैं. इसके अलावा महात्‍मा बुद्ध, तारा और पद्मपाण‍ि की प्रतिमा भी मिली हैं. डिस्‍ट्र‍िक्‍ट कल्‍चर ऑफिसर (भद्रक) तनुजा सिरके ने बताया कि जब उन्‍हें ऐतिहासिक और प्राचीन प्रतिमा मिलने पर इंडियन नेशनल ट्रस्‍ट फॉर आर्ट एंड कल्‍चरल हेरिटेज की टीम के इसके बारे में सूचित किया. इसके बाद इसे म्‍यूजियम में पहुंचाया गया. जानेमाने ऑर्केलॉजिस्‍ट सुनील पटनायक ने भी मौका मुआयना किया है. उन्‍होंने बताया कि प्रतिमाएं खोंडालाइट स्‍टोन से बनी हैं. साथ उन्‍होंने भी पुष्टि की है कि ये प्राचीन मूर्तिया 6वीं से 8वीं सदी की हैं. Tags: National News, Odisha newsFIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 20:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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