ईडी प्रमुख का कार्यकाल क्यों बढ़ाया गया केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
ईडी प्रमुख का कार्यकाल क्यों बढ़ाया गया केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
केंद्र (Central Government) ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुख का कार्यकाल जनहित में बढ़ाया गया है क्योंकि अनेक मामले अहम स्तर पर हैं और उनके उचित तथा त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों की निरंतरता जरूरी है.
हाइलाइट्सकेंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी ईडी प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाया गया संगठन प्रमुख का निरंतर बने रहना जरूरी
नई दिल्ली. केंद्र (Central Government) ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुख का कार्यकाल जनहित में बढ़ाया गया है क्योंकि अनेक मामले अहम स्तर पर हैं और उनके उचित तथा त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों की निरंतरता जरूरी है. वित्त मंत्रालय ने एक हलफनामे में शीर्ष अदालत को सूचित किया कि नव नियुक्त किसी अधिकारी को नये संस्थान के कामकाज को समझने तथा उसके प्रति अभ्यस्त होने में समय लग सकता है.
उसने हलफनामे में कहा, ‘ईडी निदेशक के कार्यकाल में दो साल से ज्यादा और अधिकतम पांच साल तक का विस्तार प्रशासनिक दृष्टिकोण से जरूरी था जहां ऐसे अनेक मामलों में संगठन प्रमुख का निरंतर बने रहना जरूरी है जो अहम स्तर पर हैं और ऐसे मामलों की निगरानी के लिए ऐतिहासिक समझ तथा पृष्ठभूमि जरूरी है.’उसने कहा, ‘मामलों के उचित और त्वरित निस्तारण के लिए एजेंसी में अधिकारियों की निरंतरता जरूरी है.’
संशोधित कानून 5 साल तक कार्यकाल विस्तार की अनुमति देता है
ईडी प्रमुख के कार्यकाल के विस्तार को और संशोधित कानून को चुनौती देने वाले नेताओं की जनहित याचिकाओं के जवाब में हलफनामा दाखिल किया गया है. संशोधित कानून पांच साल तक कार्यकाल विस्तार की अनुमति देता है. मंत्रालय ने कहा कि निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने के लिए संशोधन इसलिए किया गया क्योंकि इस प्रमुख एजेंसी द्वारा विशेष तरह का कामकाज किया जाना एक सतत प्रक्रिया है और संस्थान की अगुवाई कर रहे व्यक्ति का कार्यकाल दो से पांच साल तक का होना चाहिए.
अंतिम सुनवाई के लिए अदालत ने 19 सितंबर की तारीख तय की
सरकार ने पहले इस फैसले को चुनौती देने वाली राजनीतिक दलों के नेताओं की जनहित याचिकाओं की मंशा पर सवाल खड़े किये थे और इन्हें ‘दबाव बनाने की चाल’ करार दिया था. रणदीप सिंह सुरजेवाला और महुआ मोइत्रा समेत अन्य द्वारा दाखिल आठ जनहित याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत ने 19 सितंबर की तारीख तय की है. उसने याचिकाओं से निपटने में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता के़वी. विश्वनाथन को न्यायमित्र नियुक्त किया है.
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Tags: Central government, ED, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 07, 2022, 23:24 IST