हम खुशनसीब हैं कश्मीर के मुसलमान भी करते हैं अमरनाथ यात्रा का इंतजार

Amarnath Yatra: बाबा अमरनाथ की इस सालाना यात्रा का इंतजार सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं करते, बल्कि कश्मीर के मुस्लिमों को भी रहता है. News18 इंडिया से बातचीत में स्थानीय कश्मीरी लोगों ने कहा कि अमरनाथ यात्रा का वे लोग साल के 11 महीने बेसब्री से इंतजार करते हैं. वह कहते हैं कि उनकी रोजी-रोटी इसी यात्रा पर निर्भर है.

हम खुशनसीब हैं कश्मीर के मुसलमान भी करते हैं अमरनाथ यात्रा का इंतजार
जम्मू. अमरनाथ यात्रा का शंखनाद हो चुका है. कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार सुबह साढ़े 3 बजे 4,603 श्रद्धालुओं का पहला जत्था बालटाल कैंप से अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हो गया. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जब यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तो श्रद्धालुओं के चेहरों पर भोले नाथ के दर्शन करने की खुशी साफ़ नज़र आई. पैदल, पालकी, घोड़े और हेलिकॉप्टर से 13 किलोमीटर लंबी यात्रा करके श्रद्धालु आज ही अमरनाथ गुफा तक पहुंचेंगे और बाबा बर्फानी के पहले दर्शन करेंगे. बाबा अमरनाथ की इस सालाना यात्रा का इंतजार सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं करते, बल्कि कश्मीर के मुस्लिमों को भी रहता है. jharkhabar.com इंडिया से बातचीत में स्थानीय कश्मीरी लोगों ने कहा कि अमरनाथ यात्रा का वे लोग साल के 11 महीने बेसब्री से इंतजार करते हैं. इन्हीं लोगों में गुलाम मुस्तफा भी शामिल हैं, जो पिछले 16 सालों से अमरनाथ यात्रियों को अपने घोड़े पर बिठाकर गुफा तक पहुंचाते हैं और इसी से साल भर उनके घर का गुजारा चलता है. यह भी पढ़ें- अमरनाथ यात्रा: बाबा बर्फानी के दर्शन करने निकले भक्त… बम बम भोले की चारों तरफ गूंज, पहलगाम और बालटाल से पहला जत्था रवाना मुस्तफा राजौरी के रहने वाले हैं और यात्रा शुरू होने से करीब 10 दिन पहले ही उन्हें पैदल घोड़ों को लेकर कश्मीर आना पड़ता है. वह कहते हैं कि उनकी रोजी-रोटी इसी यात्रा पर निर्भर है. उन्होंने बताया, ‘इन यात्रियों के आने से ही हमारा रोजगार चलता है. 40 या 50 दिन तक चलने वाली यात्रा में कमाए हुए पैसों से ही हम सालभर गुजारा करते हैं.’ यह भी पढ़ें- बारिश होते ही मौत का कुआं बन जाते हैं दिल्ली के अंडरपास, AIIMS भी हुआ पानी-पानी, ऑपरेशन थिएटर बंद वहीं सोनमर्ग के रहने वाले मसरत आलम कहा कि ‘हम खुशनसीब हैं. देशभर से आने वाले इन यात्रियों के आने से हमारा काम चलता है. इसी यात्रा पर हमारा पूरा साल गुजरता हैं.’ मसरत ने कहा कि वे लोग हमेशा यात्रियों का का दिल से स्वागत करते हैं. बता दें कि शनिवार को अनंतनाग में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदेरबल में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से 52 दिनों तक चलने वाली यह तीर्थयात्रा शुरू हुई, जो 19 अगस्त तक चलेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए तीन लाख पचास हजार से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इस पवित्र गुफा तक पहुंचने के दोनों रास्तों पर 125 सामुदायिक लंगर स्थापित किए गए हैं और 6,000 से अधिक स्वयंसेवक इन श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं. Tags: Amarnath Yatra, Jammu kashmirFIRST PUBLISHED : June 29, 2024, 08:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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