कौन हैं नाव्या हरिदास जिन्हें वायनाड में BJP ने प्रियंका के खिलाफ उतारा

Wayanad Upchunav: वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए मंच तैयार है. कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने नाव्या हरिदास को मैदान में उतारा है. वहीं, एलडीएफ की ओर से सत्यन मोकेरी मैदान में हैं.

कौन हैं नाव्या हरिदास जिन्हें वायनाड में BJP ने प्रियंका के खिलाफ उतारा
नई दिल्ली: वायनाड उपचुनाव की मुनादी हो चुकी है. सियासी बिसात बिछ गई है. भाजपा, कांग्रेस और एलडीएफ ने अपने-अपने पत्ते खोल दिए हैं. वायनाड उपचुनाव में इस बार कांटे की टक्कर होने वाली है. कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को मैदान में उतारा है. वहीं, भाजपा ने नाव्या हरिदास को वायनाड से उतारकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है. महिला मोर्चा की नेता नाव्या हरिदास का वानयाड सीट पर मुकाबला प्रियंका गांधी और एलडीएफ कैंडिडेट सत्यन मोकेरी से होगा. राहुल गांधी के वायनाड लोकसभा सीट खाली करने के बाद यहां उपचुनाव जरूरी हो गया था. राहुल गांधी वायनाड से और रायबरेली दोनों जगह से लोकसभा चुनाव जीते थे. मगर उन्होंने रायबरेली को अपने संसदीय क्षेत्र के रूप में चुना. सियासी दांव-पेच जानती हैं नाव्या वायनाड से प्रियंका गांधी की सियासी राह आसान नहीं होने वाली है. भाजपा ने नाव्या हरिदास पर यूं ही दांव नहीं लगाया है. वह कोझिकोड नगर निगम की दो बार पार्षद रह चुकी हैं. सियासी दांव-पेच वह अच्छे से जानती हैं. वायनाड के अहम मुकाबले में नाव्या हरिदास के पास चुनावी अनुभव भी है. वह 2021 के विधानसभा चुनाव में कोझिकोड दक्षिण सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. हालांकि, वह जीत हासिल नहीं कर पाईं और आईएनएल के अहमद देवरकोविल और आईयूएमएल की नूरबीना रशीद के बाद तीसरे नंबर पर रहीं. देवरकोविल ने 2021 का चुनाव 44.15% वोटों से जीता था, जबकि नाव्या हरिदास को 20.89% वोट मिले थे. कौन हैं नाव्या हरिदास समाचार एजेंसी पीटीआई की मानें तो नाव्या हरिदास पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. हरिदास नगर निगम में भाजपा संसदीय दल की नेता के रूप में कार्य करती हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, वह महिला मोर्चा की प्रदेश महासचिव भी हैं. उम्मीदवारी फाइनल होने के बाद नाव्या हरिदास ने रविवार को हुंकार भरी थी और कहा था कि गांधी परिवार इस निर्वाचन क्षेत्र को महज एक विकल्प या दूसरी सीट के रूप में देख रहा है और इस क्षेत्र के लोगों को अब यह बात समझ आ गई है. हरिदास ने कहा कि वायनाड के मतदाता एक ऐसा नेता चाहते हैं जो उनके लिए खड़ा हो और उनकी समस्याओं का समाधान करे. कैसा होगा मुकाबला वायनाड उपचुनाव प्रियंका गांधी के लिए अग्निपरीक्षा होगी. वायनाड ने राहुल गांधी को दो बार विजयी बनाया है. राहुल गांधी की विरासत को प्रियंका गांधी बचा पाती हैं या नहीं, यह 23 नवंबर के नतीजों से फाइनल हो जाएगा. हालांकि, यह सियासी मुकाबला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है. प्रियंका गांधी को एलडीएफ के सत्यन और भाजपा की नाव्या कितना टक्कर दे सकती हैं. प्रियंका गांधी के लिए यह उपचुनाव इस बात का इम्तिहान होगा कि कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने में कितनी कामयाब होती है. प्रियंका को मिलेगी टक्कर अप्रैल में हुए आम चुनाव में वायनाड सीट से माकपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य एनी राजा को मैदान में उतारा था. बीजेपी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को उम्मीदवार बनाया था. राहुल गांधी ने जीत तो हासिल की लेकिन उनका वोट शेयर 2019 के 64.94% से घटकर 59.69% रह गया. वहीं एनी राजा और सुरेंद्रन के वोट शेयर में क्रमश: 0.8% और 5.75% की बढ़ोतरी देखने को मिली. यह उपचुनाव बताएगा कि क्या प्रियंका गांधी वायनाड संसदीय क्षेत्र में अपने भाई से भी ज्यादा बड़े अंतर से जीत हासिल कर पाती हैं? वायनाड उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी. Tags: BJP Congress, Priyanka gandhi, Wayanad electionFIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 10:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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