बनारस को मोक्ष का रास्ता माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जिसकी मृत्यु बनारस में होती है, वो सीधे स्वर्ग में चला जाता है. वैसे तो वाराणसी में कई घाट हैं, जहां शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. लेकिन मणिकर्णिका घाट का अपना महत्व है. हालांकि, इस साल हुई मूसलाधार बारिश की वजह से मणिकर्णिका घाट डूब चुका है. घाट के डूबने की वजह से वहां शवों की लंबी लाइन लग गई है. साथ ही इन्हें जलाने की जगह में भी बदलाव किया गया है.
घाट के डूब जाने की वजह से आसपास के घर की छतों पर ही लाशों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. ड्रोन से बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इसमें देखा जा सकता है कि बारिश के कारण गंगा का स्तर इतना ऊपर आ गया है कि घाट डूब गया है. साथ ही आसपास के कई छोटे मंदिर भी पानी में डूब गए हैं. ऐसे में शवों को जलाने का स्थान भी बदल दिया गया है. घर की छतों पर ही बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म्स पर अंतिम संस्कार होते हुए देखा जा रहा है.
ड्रोन से दिखा ऐसा नजारा
मणिकर्णिका घाट का ड्रोन वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इसमें देखा जा सकता है कि घाट पूरी तरह से जलमग्न है. लेकिन घाट के पास ही मौजूद घरों की छतों पर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. हालांकि, जगह कम हो जाने की वजह से वहां काफी भीड़ हो जा रही है. कई शव वेटिंग लिस्ट में हैं. दरअसल, हिंदू धर्म में मणिकर्णिका घाट का काफी महत्व है. इस कारण ना सिर्फ यूपी बल्कि आसपास के भी इलाकों से लोग अपनों को मोक्ष दिलाने मणिकर्णिका घाट आते हैं. View this post on Instagram
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हो रही है परेशानी
बारिश के कारण गंगा का जलस्तर ऊपर तक आ गया है. इससे छत पर कम जगह में ही शवदाह करना पड़ रहा है. वहां आए लोगों ने बताया कि उन्हें काफी परेशानी हो रही है. जगह कम होने की वजह से परिजन खुद ही झुलस जा रहे हैं. साथ ही बेहद पास-पास हो रहे शवदाह की वजह से परिक्रमा के दौरान उनके पैर में छाले पड़ जा रहे हैं. कम जगह पर ही पंद्रह-पंद्रह शव एक साथ जलाए जा रहे हैं. पहले जहां एक साथ पचास से साठ शवों का अंतिम संस्कार एक साथ हो रहा था, वहीं अब पंद्रह से सोलह का ही डाह संस्कार किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 13:43 IST